Farmer Protests: AAP ने पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह को किया कटघरे में खड़ा, लगाया गंभीर आरोप
AAP नेता राघव चड्ढा ने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी में शामिल चारों सदस्य कृषि कानूनों के समर्थक हैं इसीलिए किसानों को कमेटी के सदस्यों से न्याय की उम्मीद नहीं है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। इस कड़ी में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने बुधवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की शक्ति केंद्र की मोदी सरकार के पास है, कोई कमेटी इसे वापस नहीं करा सकती है। इसीलिए आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार से इन तीनों कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग करती है।
पत्रकार वार्ता के दौरान दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि किसान संगठनों के साथ अब तक आठ दौर की बात हो चुकी है, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है। मोदी सरकार की नियत ठीक नहीं है, सरकार तीनों कानून वापस नहीं करना चाहती है।
राघव चड्ढा ने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी में शामिल चारों सदस्य कृषि कानूनों के समर्थक हैं, इसीलिए किसानों को कमेटी के सदस्यों से न्याय की उम्मीद नहीं है। कमेटी के सदस्य बीएस मान ने इन कृषि कानूनों का समर्थन किया है, वह पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थक और करीबी भी हैं।
राघव चड्ढा ने कहा कि मैंने विस्तार से कमेटी में शामिल चार लोगों के बारे में बताया कि पिछले छह-सात महीनों में इन तीन कानूनों के बारे में इनकी क्या प्रतिक्रिया रही है और उसके बारे में बताया। देश का किसान क्या इन चार लोगों से न्याय की उम्मीद भी कर सकता है? उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री किसानों के साथ 15 जनवरी को होने वाली अगली बैठक में खुद आएं और तीनों कानूनों को रद करें।
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