आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर लगाया आरोप, पूछा कहां गए जीपीएफ के 1232 करोड़ रुपये

आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने सवाल किया है कि दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता बताएं कि निगम के कर्मचारियों के जीपीएफ का 1200 करोड़ रुपये कहां गया? निगम में जिस नई पार्टी की सरकार बनेगी वह यह पैसा कहां से लेकर आएगी।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 04:36 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 04:36 PM (IST)
आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर लगाया आरोप, पूछा कहां गए जीपीएफ के 1232 करोड़ रुपये
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास कर्मचारियों के जीपीएफ के 1232 करोड़ रुपये में से सिर्फ 28 करोड़ रुपये ही उपलब्ध हैं। नगर निगम में भाजपा नेता 2014 से कर्मचारियों का जीपीएफ जमा नहीं करवा रहे हैं। भाजपा शासित इस नगर निगम ने काफी कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने के बाद भी जीपीएफ नहीं दिया है।

आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने सवाल किया है कि दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता बताएं कि निगम के कर्मचारियों के जीपीएफ का 1200 करोड़ रुपये कहां गया? निगम में जिस नई पार्टी की सरकार बनेगी, वह यह पैसा कहां से लेकर आएगी। भारद्वाज ने बृहस्पतिवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि हर कर्मचारी का जीपीएफ कटता है। एक कर्मचारी के लिए सेवानिवृत्त होते समय जीपीएफ के पैसे को लेकर बड़ी उम्मीद होती है। कर्मचारी सोचता है कि सेवानिवृत्त होने के बाद जीपीएफ के पैसे से बच्चों की शादी करूंगा, मकान बनाऊंगा और ऐसे अधूरे काम करुंगा, जिन्हें नौकरी में रहते हुए नहीं कर पाया।

हास्यास्पद है आप का आरोप: जोगीराम जैन

वहीं, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के अध्यक्ष जोगीराम जैन ने आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा लगाए गए आरोप को हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा कि आप नेताओं की आदत रही है कि गलत तथ्यों को पेश करें और लोगों को भ्रमित करें। निगम के कर्मचारी से लेकर आम नागरिक आप के आरोप पर हंस रहे हैं। सच्चाई यह है कि निगम ने 14 जून 2021 तक सभी कर्मचारियों को जीपीएफ का फंड दे दिया गया है। बाकी फंड देने की प्रक्रिया जारी है।

जैन ने कहा कि 1232 करोड़ की राशि निगम ने कर्मचारियों से जीपीएफ में ली है। इसमें 28 करोड़ रुपये की निगम ने फिक्स डिपोजिट करा रखी है, बाकी 70-80 करोड़ रुपये को देने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि आप नेता निगम को बदनाम करने के लिए रोज नए -नए प्रयास कर रहे हैं जिससे कर्मचारियों में आप के खिलाफ काफी रोष है।

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