एक मॉ ने गंभीर रुप से बीमार बेटे के इलाज के लिए दायर की याचिका, केंद्र ने हाईकोर्ट में दाखिल किया जवाब

आस्ट्रेलिया में गंभीर रूप से बीमार बेटे के इलाज की निगरानी व चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने की मांग को लेकर एक महिला द्वारा दायर याचिका पर केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया। पीठ को बताया कि मदद करने की हर संभव कोशिश की जा रही है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 03:18 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 03:18 PM (IST)
एक मॉ ने गंभीर रुप से बीमार बेटे के इलाज के लिए दायर की याचिका,  केंद्र ने हाईकोर्ट में दाखिल किया जवाब
याचिका पर केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आस्ट्रेलिया में गंभीर रूप से बीमार बेटे के इलाज की निगरानी व चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने की मांग को लेकर एक महिला द्वारा दायर याचिका पर केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया। केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ को बताया कि मदद करने की हर संभव कोशिश की जा रही है।

पीठ ने रिकार्ड पर लिया कि भारतीय वाणिज्य दूतावास मामले को देख रहा है और इस के लिए तीन अधिकारियों को सर्वोत्तम संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए तैनात किया गया है। पीठ ने इसके साथ ही केंद्र सरकार को उठाए गए कदमों की जानकारी देने का निर्देश देते हुए सुनवाई 18 जून के लिए स्थगित कर दी।

केंद्र सरकार के स्थायी वकील अजय दिग्पाल ने पीठ को बताया कि एक भारतीय मूल के डाक्टर को भी आस्ट्रेलिया के अस्पताल में मरीज से मिलने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि वीजा जारी करना एक कूटनीतिक मामला है और इस पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारी महिला के बेटे की बेहतरीन तरीके से देखभाल कर रहे हैं। याचिकाकर्ता इंद्रजीत कौर ने याचिका दायर कर सभी चिकित्सा सहायता प्रदान करने और अपने बेटे के इलाज की निगरानी करने का विदेश मंत्रालय को निर्देश देने की मांग की है।

महिला का बेटा मेलबर्न स्थित अस्पताल में भर्ती है और गुर्दा खराब होने के कारण उसे डायलिसिस की जरूरत है और उसकी स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा अर्शदीप सिंह वर्ष 2018 में छात्र वीजा पर उच्च अध्ययन के लिए आस्ट्रेलिया गया था और नौ जून 2021 को उन्हें पता चला कि उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि तत्काल वीजा के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी होने के बावजूद भी वीजा आवेदनों पर न तो भारत में आस्ट्रेलिया उच्चायोग में सुनवाई हुई और न ही विदेश मंत्रालय से ही कोई प्रतिक्रिया मिली।

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