Chhath Puja 2021: दिल्लीवासियों के जीवन पर भारी पड़ सकती है जरा सी लापरवाही

कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है ऐसे में लोगों को यह समझना होगा कि त्योहार की खरीदारी करनी हो या फिर छठ पूजा के लिए घाट पर जाना हो हमेशा मास्क पहनना और शारीरिक दूरी का पालन जरूरी है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:06 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:06 AM (IST)
Chhath Puja 2021: दिल्लीवासियों के जीवन पर भारी पड़ सकती है जरा सी लापरवाही
Chhath Puja 2021: दिल्लीवासियों के जीवन पर भारी पड़ सकती है जरा सी लापरवाही

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमएDelhi Disaster Management Authority) ने कोरोना से बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश देते हुए सार्वजनिक रूप से छठ पूजा के आयोजन की अनुमति दे दी है। डीडीएमए के इस फैसले से पूर्वांचल के लोगों ने राहत महसूस की है। दिल्ली में लाखों की संख्या में पूर्वांचल के लोग रहते हैं और छठ पूजा का इनके लिए विशेष महत्व है। कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले वर्ष भी सार्वजनिक रूप से पूजा के आयोजन की अनुमति नहीं मिली थी। अब कोरोना संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं इसे ध्यान में रखते हुए लोग डीडीएमए से छूट की मांग कर रहे थे जिससे कि यमुना किनारे व अन्य घाटों पर जाकर सूर्य की पूजा कर सकें। इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई थी। आखिरकार सार्वजनिक रूप से छठ मनाने की अनुमति मिल गई है, इसलिए इसे लेकर अब किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए।

सत्ता पक्ष व विपक्ष को मिलकर छठ पूजा समितियों को सहयोग करना चाहिए। घाटों पर जरूरी व्यवस्था करने के लिए सरकार व नगर निगमों को मिलकर काम करना होगा जिससे कि व्रत करने वालों को किसी तरह की परेशानी न हो। व्रत करने वालों व उनके स्वजनों की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घाट पर कोरोना से बचाव के नियमों का किसी भी तरह से उल्लंघन न हो। यह ध्यान रखना होगा कि कोरोनो संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। किसी तरह की लापरवाही दिल्लीवासियों के जीवन पर भारी पड़ सकती है।

कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है, ऐसे में लोगों को यह समझना होगा कि त्योहार की खरीदारी करनी हो या फिर छठ पूजा के लिए घाट पर जाना हो, हमेशा मास्क पहनना और शारीरिक दूरी का पालन जरूरी है। इसके साथ ही घाट पर भीड़ बढ़ाने के बजाय व्रत करने वालों के साथ एक या दो सदस्यों को ही जाना चाहिए। कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण भी जरूरी है। 

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