दिल्ली के द्वारका में 22 साल से बन रहा एक अस्पताल, अब निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंचा, जानिए अन्य डिटेल

द्वारका में बनाए जा रहे 1241 बेड के वातानुकूलित अस्पताल का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। 22 साल से अधिक समय से बन रहे इस अस्पताल का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। उम्मीद है कि 30 सितंबर तक यह अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 31 Aug 2021 01:58 PM (IST) Updated:Tue, 31 Aug 2021 01:58 PM (IST)
दिल्ली के द्वारका में 22 साल से बन रहा एक अस्पताल, अब निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंचा, जानिए अन्य डिटेल
मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने द्वारका में एक अत्याधुनिक सुविधाओं वाले अस्पताल की योजना बनाई थी।

नई दिल्ली [वी के शुक्ला]। द्वारका में बनाए जा रहे 1241 बेड के वातानुकूलित अस्पताल का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। 22 साल से अधिक समय से बन रहे इस अस्पताल का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। उम्मीद है कि 30 सितंबर तक यह अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा। हालांकि, इसके उद्घाटन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। करीब 24 साल पहले इस अस्पताल को बनाने की योजना बनी थी। 1997 में तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने द्वारका में एक अत्याधुनिक सुविधाओं वाले अस्पताल की योजना बनाई थी।

योजना पर काम आगे बढ़ता उससे पहले ही उनकी सरकार चली गई थी। इसके बाद 1998 में हुए विधानसभा चुनाव में दिल्ली में कांग्रेस की सरकार आ गई। तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इंदिरा गांधी नाम देते हुए अस्पताल का निर्माण शुरू कराया। उस समय 750 बेड का का अस्प्ताल बनाए जाने की योजना बनाई गई थी। इस पर 566 करोड़ की राशि खर्च होनी थी। 2013 में कांग्रेस की सरकार चली गई, लेकिन अस्पताल पूरी तरह तैयार नहीं हो सका। योजना में क्या किया गया है बदलाव 2015 में जब दिल्ली में आप की सरकार आई तो स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने निर्माणाधीन अस्पतालों की समीक्षा की। उन्होंने इस अस्पताल का भी निरीक्षण कर बेड संख्या 750 से बढ़ाकर 1241 करने के आदेश दिए।

इससे इसकी निर्माण लागत 566 करोड़ से बढ़कर 932 करोड़ पहुंच गई। लोक निर्माण विभाग इस अस्पताल के निर्माण के लिए नए सिरे से काम कर रहा है। अब तब 974 बेड की क्षमता के तहत इसे तैयार कर दिया गया है। अब केवल 267 बेड के लिए निर्माण कार्य बचा है। इसे अब तीस सितंबर तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर इसे 2500 बेड का किया जा सकेगा इस अस्पताल की परियोजना पर काम कर रहे निर्माण क्षेत्र के तकनीकी विशेषज्ञ बताते हैं कि इस अस्पताल का डिजाइन इस तरह का है कि जरूरत पड़ने पर इसे 2500 बेड का भी किया जा सकता है। अस्पताल में 20-20 फीट चौड़े कारिडोर हैं। अस्पताल पूरी तरह से वातानुकूलित है। ऐसे में कोरोना को देखते हुए जरूरत पड़ने पर यहां अतिरिक्त बेड आक्सीजन कंसंट्रेटर के साथ लगाए जा सकते हैं।

ओपीडी ब्लाक में वेटिंग एरिया इतना बड़ा दिया गया है कि यहां पर 484 बेड लगाए जा सकते हैं। इस अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेड लगाने का काम भी पूरा किया जा रहा है। अभी तक 974 बेड लगा दिए गए हैं। अस्पताल में प्रमुख रूप से होंगी ये सुविधाएं मेडिकल आक्सीजन के लिए यहां प्लांट लगाए जा रहे हैं। आक्सीजन स्टोर करने के लिए टैंक लगाया जा रहा है। यहां सभी बेड पर आक्सीजन होगी। अस्पताल में प्रसूति और स्त्री रोग विभाग, आर्थोपेडिक, मेडिसिन, सर्जरी, नेत्र, ईएनटी (इयर-नोज-थ्रोट), त्वचा, पैथोलाजी विभाग, माइक्रो बायोलाजी विभाग, एनेस्थीसिया, रेडियोलाजी व बच्चों की बीमारियों से संबधित इलाज की सुविधाएं होंगी। ब्लड बैंक, फिजियोथेरेपी, आइसीयू व डायलिसिस आदि की भी सुविधा होगी।

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