एक प्रशंसक ने लिखा विश्वास अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी लिखी हिंदी समझ नहीं आती, पढ़िए कुमार का करारा जवाब

वो जब भी किसी बड़े कवि सम्मेलन में जाते हैं तो कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है नामक कविता को सुनाने की मांग जरूर होती है और कुमार विश्वास उस कविता को उसी पुराने अंदाज में सुनकर महफिल लूट ले जाते हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 05:43 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 05:43 PM (IST)
एक प्रशंसक ने लिखा विश्वास अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी लिखी हिंदी समझ नहीं आती, पढ़िए कुमार का करारा जवाब
हिंदी कवियों में उनकी अपनी एक अलग ही पहचान है।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। कवि कुमार विश्वास देश दुनिया में अपनी मनमोहक कविता पाठ और कविता के लिए जाने जाते हैं। हिंदी कवियों में उनकी अपनी एक अलग ही पहचान है। उनकी कुछ कविताओं को देश दुनिया में काफी पसंद किया जाता है और लोग गाहे बगाहे उसे गुनगुनाते भी रहते हैं। वो जब भी किसी बड़े कवि सम्मेलन में जाते हैं तो कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है, नामक कविता को सुनाने की मांग जरूर होती है और कुमार विश्वास उस कविता को उसी पुराने अंदाज में सुनकर महफिल लूट ले जाते हैं।

उनके एक प्रशंसक ने सोशल मीडिया ट्विटर पर लिखा कि विश्वास जी अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी लिखी हिन्दी समझ नहीं आने पर भी लोग लाइक पर लाइक किए जाते हैं, उनकी इस बात पर विश्वास ने उनको उसी तरह से जवाब दिया। लगभग एक घंटे के बाद अरूण बोथरा नामक उसी व्यक्ति ने दुबारा से ट्वीट किया कि विश्वास जी शायद आपको मेरी बात का बुरा लगा। इस पर कुमार विश्वास ने बहुत ही सलीके से उन्हें फिर से हिंदी में ही जवाब दिया।

यदि बात कुमार विश्वास के जीवन की करें तो उनका जन्म 10 फरवरी 1970 को उत्तर प्रदेश के पिलखुवा शहर में एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था, वहां उन्होंने लाला गंगा सहाय स्कूल में पढ़ाई की। उनके पिता का नाम चंद्र पाल शर्मा है। वो पिलखुवा में डिग्री कॉलेज में पढ़ाते थे, उनकी मा रमा शर्मा एक गृहिणी थीं। विश्वास अपने भाई बहनों में सबसे छोटे है । उनके चार भाई और एक बहन है। उन्होंने राजपूताना रेजिमेंट इंटर कॉलेज में पढ़ाई की और फिर मोतीलाल नेहरू रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। कुमार के पिता चाहते थे कि विश्वास इंजीनियर बनें।

आपकी दृष्टि का दोष नहीं है प्रिय बंधु। सहस्रों वर्षों की ग़ुलामी का प्रतिफल है यह मानसिकता कि अप्रमेय-कठिन व प्रांजल अंग्रेज़ी लिखने वाले लोग लुटियन-सर्किलों में बौद्धिक कहाते हैं पर भाषाई-शुद्धता के लिए सतर्क हम जैसे क़स्बाई देसी, शुद्ध हिंदी के लिए उपहास के पात्र माने जाते हैं🙏 https://t.co/cegilKXL4N— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) July 20, 2021

इंजीनियरिंग में विश्वास की कोई दिलचस्पी नहीं थी तो उन्होंने हिंदी साहित्य का अध्ययन करना शुरू किया।उसके बाद वो इसी में आगे बढ़ते गए, बाद में उन्होंने हिंदी में पीएचडी की। इसी दौरान विश्वास ने अपनी जाति से अलग पहचान बनाने के लिए अपना नाम विश्वास कुमार शर्मा से बदलकर कुमार विश्वास रख लिया। 1994 में वे इंदिरागांधी पीजी कॉलेज 'पीलीबंगा' राजस्थान में लेक्चरर बने, फिर लाला लाजपत राय कॉलेज में हिंदी साहित्य पढ़ाया।

आप जैसे मातृभाषा उपासकों का स्नेह ही मुझ जैसे अकिंचन हिंदी-प्रेमी के दुष्कर पथ का संजीवन पाथेय है।हम हिंदी माँ के पाले हुए सहोदर हैं इसीलिए हमारी चुनौतियाँ व पीड़ा भी साझी हैं प्रिय भाई ❤️🇮🇳👍 https://t.co/mU6UrT2Y1S

— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) July 20, 2021

उन्होंने मंजू शर्मा से शादी की है, जिनसे उनकी दो बेटियां हैं। ये तो थी कुमार विश्वास के बारे में जानकारी। अब उनके एक प्रशंसक ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया जिसमें उसने लिखा कि विश्वास जी अकेले व्यक्ति हैं जिनकी लिखी हिन्दी समझ नहीं आने पर भी लोग लाइक पर लाइक किए जाते हैं, उसकी इस बात पर कुमार ने उसी तरह से बेहतर जवाब भी दिया।

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