दिल्ली की रहने वाली लड़की को यूपी में 60 हजार रुपये में बेचा, पुलिस ने राजस्थान से कराया मुक्त

दिल्ली के हैदरपुर की एक 15 वर्षीय लड़की को पुलिस ने राजस्थान के सीकर से मुक्त कराया है। पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार भी किया गया है। पुलिस ने बताया कि लड़की को उत्तर प्रदेश के आगरा में एक व्यक्ति को 60 हजार रुपये में बेचा गया था।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 02:53 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 02:53 PM (IST)
दिल्ली की रहने वाली लड़की को यूपी में 60 हजार रुपये में बेचा, पुलिस ने राजस्थान से कराया मुक्त
दिल्ली की रहने वाली लड़की को यूपी में 60 हजार रुपये में बेचा, पुलिस ने राजस्थान से कराया मुक्त

नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली के हैदरपुर की एक 15 वर्षीय लड़की को पुलिस ने राजस्थान के सीकर से मुक्त कराया है। पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार भी किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, लड़की को उत्तर प्रदेश के आगरा में एक व्यक्ति को 60 हजार रुपये में बेचा गया था। जिसे बाद में राजस्थान ले जाया गया था। पीड़ित परिवार की शिकायत के बाद जांच में पुलिस को अहम सुराग लगे। इसके बाद आरोपितों की गिरफ्तारी हुई।

फिलहाल पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस घटना में कितने लोग शामिल थे।

वहीं, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक ऐसे जालसाज को गिरफ्तार किया है जो राजपुर रोड स्थित चर्च की संपत्ति को फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दिया। आरोपित शारल बाबी दास ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कराए थे। पुलिस ने मामला दर्ज होने के 14 वर्ष बाद आरोपित को यूपी के बांदा जिले से गिरफ्तार किया है। इस मामले में वर्ष 2007 में एफआइआर दर्ज की गई थी।

अतिरिक्त आयुक्त आरके सिंह ने बताया कि वूमेंस क्रिश्चियन टेंपरेंस आफ इंडिया की अध्यक्ष सुलोचना प्रकाश ने सिविल लाइंस थाना पुलिस को वर्ष 2007 में एक शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि राजपुर रोड स्थित 24 नंबर प्लाट वूमेंस क्रिश्चियन टेंपरेंस ऑफ इंडिया की संपत्ति है। जिसे फर्जी दस्तावेज तैयार करवा कर बेच दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था ने कभी इस जमीन को ना तो बेचा है और ना ही किसी के नाम पर ट्रांसफर किया है। जांच में पता चला कि इस फर्जीवाड़े के पीछे जान अगस्टिन और शारल बाबी दास शामिल है। आरोपित जान अगस्टिन इंडियन चर्च ट्रस्टी का अध्यक्ष बताया गया। उसने शारल बाबी के नाम पर यह संपत्ति की थी।

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