दीवाली के दिन की आतिशबाजी, झुलसकर तीन अस्पतालों में पहुंचे 68 लोग

दीवाली के दिन पटाखों की आतिशबाजी करने से दिल्ली में 68 लोग झुलस गए। इनको दिल्ली के 3 बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। वैसे पटाखे बैन थे मगर फिर भी लोगों ने इन्हें जलाया।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Sun, 15 Nov 2020 05:48 PM (IST) Updated:Sun, 15 Nov 2020 05:48 PM (IST)
दीवाली के दिन की आतिशबाजी, झुलसकर तीन अस्पतालों में पहुंचे 68 लोग
दीवाली के दिन आतिशबाजी करने से 68 लोग झुलसे। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रतिबंध के बावजूद राजधानी में लोग पटाखे जलाने से बाज नहीं आए। हालांकि पटाखे कम जलाने से आतिशबाजी के दौरान झुलसने वालों की संख्या करीब दो तिहाई कम रही। लेकिन आतिशबाजी व दीये से झुलसकर तीन अस्पतालों में 68 लोग इलाज के लिए पहुंचे। जिनमें 10 लोग अस्पतालों में भर्ती किए गए, जिसमें से चार पीड़ितों की हालत ज्यादा गंभीर है। पटाखों से अधिक चोट आने के कारण उनकी सर्जरी करनी पड़ी है।

सफदरजंग अस्पताल में दीवाली के दिन झुलसकर 28 लोग इलाज के लिए पहुंचे। जिसमें से 11 लोग दीया जलाने के दौरान झुलस गए थे। वहीं 17 लोग आतिशबाजी में झुलसे थे। 20 पीड़ित हल्के झुलसे थे। इसलिए उन्हें इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। जबकि आठ पीड़ित 20 फीसद से अधिक झुलसे हैं। इनमें से तीन पीड़ितों की सर्जरी करनी पड़ी। सफदरजंग अस्पताल के बर्न विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. शलभ कुमार ने कहा कि पिछले साल की तुलना में एक तिहाई ही मामले आए हैं।

आरएमएल अस्पताल के बर्न विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. मनोज झा ने कहा कि पटाखों से झुलसकर 26 लोग इलाज के लिए पहुंचे। इनमें से ज्यादातर लोगों के हाथ व कुछ लोगों के चेहरे झुलेसे थे। एक पीड़ित को अधिक बर्न है। इस वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। अन्य को छुट्टी दे दी गई। वहीं अंबेडकर अस्पताल में पटाखों से झुलसकर 14 लोग पहुंचे। इनमें से एक पीड़ित की हालत ज्यादा गंभीर है। पटाखे से उस पीड़ित के पेट व आंत में गंभीर चोट आई है। इस वजह से पीड़ित की डॉक्टरों ने सर्जरी की है।

पिछले साल आतिशबाजी व दीये से 204 लोग झुलस गए थे। तब सफदरजंग अस्पताल में कुल 73 लोग इलाज के लिए पहुंचे थे। इसमें से 55 लोग पटाखों से व 18 लोग दीये से आग लगने के कारण झुलसे थे। सफदरजंग अस्पताल में देश का सबसे बड़ा बर्न सेंटर है। जहां पिछले साल के मुकाबले इस बार आतिशबाजी में झुलसकर पहुंचने वालों की संख्या करीब दो तिहाई कम रही है।

आरएमएल अस्पताल में सात लोग ऐसे भी इलाज के लिए पहुंचे जिनके घर रसोई गैस के सिलेंडर में लीकेज होने के कारण आग लग गई थी। इस वजह से वे गंभीर रूप से झुलस गए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। 

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