61 साल पुरानी स्टेशनरी की यह दुकान है बेहद खास, केंद्रीय मंत्री व PMO स्टाफ भी करते हैं खरीददारी

दुकान की लोकप्रियता इतनी है कि आम से लेकर खास लोग तक यहां से कलम और स्टेशनरी की खरीदारी करने आते रहे हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी कपिल सिब्बल उमा भारती नरेंद्र तोमर और पीएम हाउस के स्टाफ भी यहीं से खरीदारी करते हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 10:55 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 10:55 AM (IST)
61 साल पुरानी स्टेशनरी की यह दुकान है बेहद खास, केंद्रीय मंत्री व PMO स्टाफ भी करते हैं खरीददारी
दिल्ली में छह दशक पुरानी राजेंद्र ट्रेडर्स। संजय

नई दिल्ली [रितु राणा]। दौर भले कंप्यूटर और मोबाइल का है लेकिन कापी और कलम का जुड़ाव..उस लेखन की सुखद अनुभूति कभी कम नहीं हो सकती। ब्रांडेड और पुराने कलम के शौकीनों की आज भी कमी नहीं है। अगर आप भी लैमी सफारी फाउंटेन पेन, क्रास और शेफर जैसे ब्रांडेड कलम को अपने पाकेट में रखना पसंद करते हैं तो खन्ना मार्केट स्थित राजेंद्र ट्रेडर्स आपके लिए उपयुक्त जगह है।

61 वर्ष पुरानी इस दुकान पर आपको केवल ब्रांडेड कलम ही नहीं, स्टेशनरी से संबंधित तमाम चीजें एक ही छत के नीचे आसानी से उपलब्ध हो जाएंगी। कापी, पेन, पेंसिल से लेकर तरह तरह की फाइलें इस दुकान तक ग्राहकों को खींच लाती हैं।

रोचक है सफर

दुकान मालिक पुल्कित गोगिया कहते हैं कि उनके दादा स्वर्गीय सुभाष गोगिया बंटवारे के बाद 1950 में पाकिस्तान के डेरा गाजी खान से दिल्ली आ गए थे। फिर 1960 के आसपास उन्होंने सुभाष पुस्तक भंडार की शुरुआत की। उनके पास बड़े बड़े साहित्यकारों के उपन्यास, कहानी और कविताओं की पुस्तकों का भंडार था, इसलिए पूरी साउथ दिल्ली में उनकी दुकान प्रसिद्ध थी। जो पुस्तक दिल्ली की किसी दुकान में नहीं मिलती थी, उनकी तलाश इसी पुस्तक भंडार पर पूरी होती थी।

दादा के गुजर जाने के बाद पिता राजेंद्र गोगिया ने दुकान का नाम बदलकर राजेंद्र ट्रेडर्स कर दिया और स्टेशनरी के साथ साथ बच्चों की रुचि वाली कहानियों की किताबों की बिक्री भी शुरू कर दी। देखते देखते किताबों का काम इतना अधिक हो गया कि उनके लिए अकेले संभालना मुश्किल हो गया। फिर उन्होंने किताबों का काम बंद कर दिया और स्टेशनरी व कलम के काम को आगे बढ़ाया।

स्मृति इरानी भी करती रही हैं खरीदारी

इस दुकान की लोकप्रियता इतनी है कि आम से लेकर खास लोग तक यहां से कलम और स्टेशनरी की खरीदारी करने आते रहे हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी भी अक्सर यहीं से कलम खरीदा करती थीं। बच्चों के लिए स्टेशनरी का सारा सामान भी यहीं से लेती थीं। इसके अलावा कपिल सिब्बल, उमा भारती, नरेंद्र तोमर और पीएम हाउस के स्टाफ भी यहीं से खरीदारी करते हैं। जोर बाग में रहने वाले अधिकतर हाई प्रोफाइल लोग कलम व स्टेशनरी की खरीदारी के लिए इसी दुकान का रुख करते हैं।

ब्रांडेड पेन है आकर्षण

दुकान की सबसे बड़ी खासियत ब्रांडेड पेन हैं। दस रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक के पेन यहां मिल जाएंगे। लैमी सफारी फाउंटेन पेन, क्रास व शेफर से लेकर पार्कर के शौकीन खरीदारी करने सीधे यहीं आते हैं। अगर आप सस्ते और डेली यूज के लिए भी कलम खरीदना चाहते हैं तो वो भी यहां उपलब्ध है। कलम के अलावा स्कूल व आफिस स्टेशनरी से लेकर कंप्यूटर स्टेशनरी तक का सारा सामान, डिक्शनरी और कहानी की किताबें भी हैं।

खुलने का समय

प्रतिदिन 10 से रात नौ बजे तक।

ऐसे पहुंचे

दुकान तक पहुंचने के लिए नजदीकी मेट्रो स्टेशन जोरबाग है। यहां से चंद मिनट की दूरी पर ही है खन्ना मार्केट।

chat bot
आपका साथी