India's Oxygen Crisis: देश की 59 औद्योगिक इकाइयों को मिली नाइट्रोजन प्लांट से ऑक्सीजन उत्पादन की अनुमति

Indias Oxygen Crisis दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर में चल रही ऑक्सीजन किल्लत दूर करने के लिए 59 औद्योगिक इकाइयां भी 10 जून तक अपने नाइट्रोजन प्लांट से ऑक्सीजन उत्पादन करना शुरू कर देंगी। इससे देशभर में ऑक्सीजन संकट दूर होगा।

By Jp YadavEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 07:44 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:44 AM (IST)
India's Oxygen Crisis: देश की 59 औद्योगिक इकाइयों को मिली नाइट्रोजन प्लांट से ऑक्सीजन उत्पादन की अनुमति
India's Oxygen Crisis: देश की 59 औद्योगिक इकाइयों को मिली नाइट्रोजन प्लांट से ऑक्सीजन उत्पादन की अनुमति

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर में चल रही ऑक्सीजन किल्लत दूर करने के लिए 59 औद्योगिक इकाइयां भी 10 जून तक अपने नाइट्रोजन प्लांट से ऑक्सीजन उत्पादन करना शुरू कर देंगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की बोर्ड बैठक में सोमवार शाम इसके लिए इन इकाइयों को आधिकारिक तौर पर अनुमति दे दी गई। इनमें दिल्ली, हरियाणा व बिहार की एक-एक जबकि पंजाब एवं राजस्थान की छह-छह औद्योगिक इकाइयां भी शामिल हैं।

जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार के निर्देश पर सीपीसीबी ने इस दिशा में देशभर की लगभग 500 औद्योगिक इकाइयों से संपर्क किया था। पहले चरण में 14 राज्यों की 59 इकाइयों को चिन्हित कर नाइट्रोजन प्लांट से ऑक्सीजन उत्पादन करने की इजाजत दी गई है। इनमें से तीन इकाइयों ने ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर दिया है, जबकि 55 इकाइयां 10 जून तक उत्पादन शुरू कर देंगी। इन इकाइयों से प्रतिदिन कुल 41.83 टन ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और जो एक बार में 4,183 लोगों की जान बचाने में मददगार साबित होगी।

गौरतलब है कि मौजूदा नाइट्रोजन संयंत्रों में कार्बन आण्विक छलनी (सीएमएस) की जगह जियोलाइट आण्विक छलनी (जेडएमएस) के इस्तेमाल, ऑक्सीजन एनालाइजर की स्थापना, कंट्रोल पैनल सिस्टम में परिवर्तन, फ्लो वाल्व आदि कुछ बदलाव कर चिकित्सीय उपयोग के लिए ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है। खास बात यह कि जेडएमएस की उपलब्धता के साथ इस तरह के संशोधित संयंत्र महत चार पांच दिनों में स्थापित किए जा सकऐ हैं, जबकि एक नए ऑक्सीजन संयंत्र की स्थापना में तीन चार सप्ताह लग सकते हैं।

ऑन-साइट संयंत्रों में उत्पादित ऑक्सीजन को अस्पतालों में परिवहन के लिए उच्च दाब वाले कंप्रेसर का उपयोग करके संपीड़ित करना और सिलेंडर/विशेष पात्रों में भरना होता है। इन उद्योगों को जल्द से जल्द अपना काम पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं।

सीपीसीबी के मुताबिक, कुछ संयंत्र नजदीकी अस्पतालों में स्थानांतरित किए जाएंगे जबकि कुछ जहां हैं, वहीं से आक्सीजन का उत्पादन कर इसकी आपूर्ति करेंगे। इच्छुक उद्यमी सीपीसीबी के वैज्ञानिक अजय अग्रवाल और सांभाग्य दीक्षित से बात कर अपनी तकनीकी उलझनों का समाधान भी कर सकते हैं।

किस राज्य में कितनी औद्योगिक इकाइयां

आंध्र प्रदेश- 6

बिहार -1

दिल्ली -1

गुजरात -15

हरियाणा- 1

कर्नाटक 1

मध्य प्रदेश- 4

महाराष्ट्र- 7

पंजाब- 6

राजस्थान- 6

तमिलनाडु- 1

तलंगाना- 8

दादरा एवं नागर हवेली-2

डॉ. अनिल गुप्ता (सदस्य, सीपीसीबी) का कहना है कि कोरोना काल में आक्सीजन किल्लत दूर करने के लिए सीपीसीबी भी हर संभव प्रयास कर रहा है। सीपीसीबी की ओर से अपने नाइट्रोजन प्लांट को अस्थायी रूप से आक्सीजन संयंत्र में बदलने के इच्छुक उद्यमियों को हर स्तर पर सहयोग किया जाएगा। इस दिशा में सीपीसीबी ने एक आनलाइन पोर्टल भी शुरू कर दिया है।

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