Delhi COVID 3rd Wave: बच्चों के इलाज के लिए चाहिए 4000 बेड, एम्स समेत कई अस्पतालों ने शुरू की तैयारी

Delhi COVID 3rd Wave एम्स के डॉक्टरों ने कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत अस्पतालों में बच्चों के लिए 15 फीसद बेड आरक्षित करने की सलाह दी है। ऐसे में तीसरी लहर आने पर दिल्ली के अस्पतालों में बच्चों के इलाज के लिए करीब चार हजार बेड की दरकार होगी।

By Jp YadavEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 07:50 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 07:50 AM (IST)
Delhi COVID 3rd Wave: बच्चों के इलाज के लिए चाहिए 4000 बेड, एम्स समेत कई अस्पतालों ने शुरू की तैयारी
Delhi COVID 3rd Wave: बच्चों के इलाज के लिए चाहिए 4000 बेड, एम्स समेत कई अस्पतालों ने शुरू की तैयारी

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना की तीसरी लहर आने पर बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आंशका के मद्देनजर अस्पतालों में तैयारियां शुरू कर दी गई है। एम्स के डॉक्टरों ने कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत अस्पतालों में बच्चों के लिए करीब 15 फीसद बेड आरक्षित करने की सलाह दी है। ऐसे में तीसरी लहर आने पर दिल्ली के अस्पतालों में बच्चों के इलाज के लिए करीब चार हजार बेड की दरकार होगी। इसे ध्यान में रखकर ही कई अस्पताल तैयारियों में जुट गए हैं। मौजूदा समय में कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत अस्पतालों व अस्थायी रूप से बनाए गए कोविड अस्पतालों को मिलाकर करीब 25,500 बेड उपलब्ध हैं। डाक्टर कहते हैं कि तीसरी लहर ज्यादा घातक होगी या कमजोर यह कह पाना मुश्किल है। लिहाजा, अस्पतालों में व्यवस्थाएं बनाए रखना जरूरी है।

एम्स के पीडियाट्रिक विभाग के पल्मोनरी विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ. एसके काबरा ने कहा कि अभी तक बच्चे अधिक संक्रमित नहीं हुए हैं। उन्हें टीका लगाने का भी अभी प्रविधान नहीं है। इस वजह से उन्हें तीसरी लहर में अधिक संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है। बच्चों की आबादी करीब 40 फीसद है, लेकिन कोरोना से संक्रमित होने वालों में करीब 12 फीसद बच्चे हैं। ऐसे में बच्चों में कोरोना का असर अब तक कम देखा गया है। इसका क्या कारण है अभी तक यह स्पष्ट नहीं है। एक कारण यह भी हो सकता है कि बच्चे ज्यादा घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं और उन्हें कई टीके भी लगते हैं। इस वजह से ऐसा हो सकता है कि उनमें कोरोना के प्रति कुछ प्रतिरोधकता हो, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है। पहले की तुलना में कोरोना संक्रमित बच्चों के अस्पताल में दाखिले भी ज्यादा नहीं बढ़े हैं। फिर भी तीसरी लहर की आंशका के कारण अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड व आइसीयू वार्ड में 10 से 15 बेड आरक्षित रखने होंगे। एम्स में भी बच्चों के इलाज के लिए व्यवस्था की गई है।

दिल्ली के 2 बड़े अस्पतालों में होगी बेड की व्यवस्था

दिल्ली में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के कलावती अस्पताल व दिल्ली सरकार के चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय बच्चों के इलाज के लिए अधिकृत अस्पताल हैं। इनमें क्रमश: 380 व 200 बेड हैं। जरूरत पड़ने पर इन दोनों अस्पतालों में कोरोना से पीड़ित बच्चों के इलाज की व्यवस्था की जाएगी।

लेडी हार्डिग मेडिकल कालेज के चिकित्सा निदेशक डा. एनएन माथुर ने कहा कि मौजूदा समय में संस्थान के अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए 370 बेड की व्यवस्था है। इसके अलावा 240 बेड बढ़ाने की तैयारी चल रही है। तीसरी लहर आने पर पीडियाट्रिक विभाग के बेड का इस्तेमाल बच्चों के इलाज के लिए होगा।लोकनायक अस्पताल के एक डाक्टर ने कहा कि पीडियाट्रिक वार्ड में 242 बेड हैं। अभी इन बेड का इस्तेमाल कोरोना से पीडि़त बड़े लोगों के इलाज में किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर बच्चों के इलाज के लिए इनका इस्तेमाल किया जाएगा। कोरोना से पीड़ित बच्चों के साथ-साथ उनकी मां को भी वार्ड में ठहरने का प्रविधान होगा। एम्स में कोरोना के इलाज के लिए अभी 1,100 बेड आरक्षित हैं। जरूरत पड़ने पर बच्चों के इलाज के लिए 165 बेड आरक्षित किए जा सकते हैं।

इन अस्पतालों होगी बच्चों के इलाज की व्यवस्था कलावती शरण अस्पताल- बेड क्षमता 380 लोकनायक अस्पताल- 242 चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय- 200 गिरधारी लाल अस्पताल- 100 एम्स- 165

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