तमिल फिल्मों में काम करने वाले तीन लोग ठगी में गिरफ्तार, वेबसाइट पर अश्लील सामग्री देखने पर भेजते थे फर्जी नोटिस
इंटरनेट ब्राउजिंग करने वाले लोगों को आरोपित एक पापअप भेजते थे। यह एक तरह से दूसरी विंडो होती थी। पीड़ित जब उस विंडो पर क्लिक करता तो उसके कंप्यूटर में एक साफ्टवेयर इंस्टाल हो जाता था। उसके बाद वह पीड़ित की इंटरनेट सर्च की गतिविधियों को देख लेते थे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। साइबर सेल ने वेबसाइट पर अश्लील सामग्री देखने वालों को आनलाइन नोटिस भेजकर सरकार व दिल्ली पुलिस के नाम पर डरा-धमका उनसे पैसे वसूलने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना भाई बी चंदरकांत कंबोडिया में बैठकर भारत में अपने गुर्गों के जरिये ठगी को अंजाम दे रहा था। आरोपितों की पहचान चेन्नई निवासी गबरियल जेम्स, राम कुमार सेलवन और तिरुचिरापल्ली निवासी बी धीनूशांथ के रूप में हुई है।
इंटरनेट पर ब्राउजिंग करने वाले लोगों को आरोपित दिल्ली पुलिस के नाम से फर्जी नोटिस भेज यह कहकर डराते थे कि उनके खिलाफ अश्लील सामग्री देखने की शिकायत मिली है। इसके बाद वह पीड़ित से जुर्माने के तौर पर तीन हजार रुपये मांगते थे। आरोपितों के 20 से अधिक बैंक खातों की जांच में 30 से 35 लाख ठगी की रकम जमा होने की जानकारी मिली है। इससे अंदेशा जताया जा रहा कि आरोपित देशभर में एक हजार से अधिक लोगों को शिकार बना चुके हैं।
पुलिस उपायुक्त (साइबर सेल) अन्येष राय ने बताया कि इंटरनेट मीडिया की निगरानी के दौरान यह पाया गया कि कुछ लोगों को पुलिस की तरफ से फर्जी नोटिस भेजा जा रहा है। नोटिस में बताया जा रहा था कि वे इंटरनेट पर पोर्न देख रहे हैं जो प्रतिबंधित गतिविधि है। इसके बदले उन्हें तीन हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। जुर्माना नहीं देने पर उनके कंप्यूटर या मोबाइल की सभी फाइलों को ब्लाक कर दिया जाएगा।
आरोपितों ने कुछ ऐसे लोगों को भी नोटिस भेज दिया गया जिन्होंने कभी इंटरनेट पर अश्लील सामग्री सर्च ही नहीं की थी। फर्जी पापअप नोटिस की तकनीकी जांच में पता चला कि वह नोटिस विदेश से भेजा जा रहा है, जबकि जुर्माने की रकम जिन बैंक खातों में भेजी जा रही है वह तमिलनाडु से संचालित हो रहे थे।
एक सप्ताह की खोजबीन के बाद धरे गए आरोपित
आरोपितों को पकड़ने के लिए पुलिस टीम को तमिलनाडु भेजा गया। वहां पर टीम करीब एक सप्ताह तक रही। आरोपितों ने बैंक खाते फर्जी पते पर खोले थे। ऐसे में पुलिस टीम चेन्नई, त्रिची, त्रिचि, कोयम्बटूर, उधगमंडलम समेत कई स्थानों पर गई। कई दिनों तक की छानबीन के बाद तीनों आरोपित पुलिस की पकड़ में आए।
गिरफ्तार आरोपित ठगी से पहले तमिल फिल्मों में काम करते थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बी धीनूशांथ तमिल फिल्मों में प्रोडक्शन मैनेजर, राम कुमार सेलवन सहायक निर्देशक व गबरियल जेम्स ग्राफिक डिजाइनर का काम करते थे। आरोपितों ने इसी साल फरवरी से जून के बीच फर्जी नोटिस भेजकर करीब 30 से 35 लाख रुपये की ठगी की है।
ऐसे करते थे ठगी
इंटरनेट ब्राउजिंग करने वाले लोगों को आरोपित एक पापअप भेजते थे। यह एक तरह से दूसरी विंडो होती थी। पीड़ित जब उस विंडो पर क्लिक करता तो उसके कंप्यूटर में एक साफ्टवेयर इंस्टाल हो जाता था। उसके बाद वह पीड़ित की इंटरनेट सर्च की गतिविधियों को देख लेते थे। इसके बाद वे पीड़ित को तुरंत फर्जी नोटिस भेज देते थे।