कोरोना ने बढ़ाई दिल्ली सरकार की मुश्किल, मनीष सिसोदिया ने बताया '21% राजस्व कम आया'
दिल्ली के वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान अहम जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के चलते पिछले साल 41 फीसद राजस्व कम आया था। इस बार भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में पिछले डेढ़ साल से कोरोना वायरस संक्रमण कहर बरपा रहा है। इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। दिल्ली सरकार भी इससे प्रभावित है। दिल्ली के वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान अहम जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के चलते पिछले साल 41 फीसद राजस्व कम आया था। इस बार भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है। वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने जानकारी दी है कि अभी तक यानी अगस्त महीने तक 21 फीसद कम राजस्व आया है।
मनीष सिसोदिया ने यह जानकारी भी दी है कि अगले साल से केंद्र सरकार जीएसटी कंपनसेशन बंद कर रही है। इससे दिल्ली समेत सभी राज्यों के समक्ष समस्या खड़ी होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के वित्तीय आयोग के हिसाब से केंद्र से हिस्सेदारी मांग रहे हैं। कर में भी दूसरे राज्यों की तरह हिस्सेदारी मांग रहे हैं, मगर केंद्र ने नहीं दिया है।
दिल्ली की आबकारी नीति को सराहा
दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी द्वारा लाई गई आबकारी नीति को लेकर उन्होंने इसकी जमकर सराहना की है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारे लिए नई आबकारी नीति से राजस्व बढ़ा है। काफी पैसा हमें लाइसेंस फीस से मिला है। इससे हमें तकरीबन 3,000 करोड़ रुपये अभी और मिलने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने यह भी कहा कि दिल्ली में शराब की अवैध बिक्री रोकी गई है। इससे राजस्व का घाटा नहीं हुआ है।
यहां पर बता दें कि दिल्ली ही नहीं देशभर में कई तरह की आर्थिक गतिविधियां ठप हैं। जो चल रही हैं उनकी गति धीमी है। छोटे कारोबारियों की हालत भी खराब है। छोटे दुकानदार तक कोरोना के चलते मंदी की चपेट में हैं। खरीदार बाजार से नदारद हैं।