16 घंटे की यात्रा, एयर इंडिया नहीं दे पाई खाना और दवा, हाइ कोर्ट में दायर की याचिका, मांगा मुआवजा

खाना और दवा की कमी पर एयर इंडिया से मांग पांच लाख का मुआवजा। सह-यात्री द्वारा दिए गए भोजन के कारण खुद को बचाने में सक्षम रहे बुजुर्ग दंपति। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो यह डरावना है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 05:39 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 05:39 PM (IST)
16 घंटे की यात्रा, एयर इंडिया नहीं दे पाई खाना और दवा, हाइ कोर्ट में दायर की याचिका, मांगा मुआवजा
एक बुजुर्ग दंपति ने दिल्ली हाई कोर्ट में मुआवजा की मांग को लेकर दायर की याचिका।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। साेलह घंटे की उड़ान के दौरान पर्याप्त खाना और दवा की व्यवस्था नहीं होने का आरोप लगाते हुए एक बुजुर्ग दंपति ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एयर इंडिया से पांच लाख रुपये का मुआवजा की मांग की है। याचिका पर न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने याचिका को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो यह डरावना है। दंपति ने कहा है कि एयरलाइन में उचित सेवा का अभाव था और ऐसे में उनके टिकट का किराया वापस करने का निर्देश दिया जाए।

याचिकाकर्ता निवेदिता व अनिल शर्मा की याचिका पर पीठ ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, एअर इंडिया, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) को नोटिस जारी कर जवााब मांगा है। बुजुर्ग दंपति ने कहा कि 11 नवंबर 2020 को उन्होंने नई दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को के लिए 16 घंटे की लंबी उड़ान भरी थी। उन्होंने दावा किया कि उन्हें सिर्फ एक गर्म भोजन दिया गया था जोकि बासी था। उन्होंने कहा ऐसा तब किया गया जबकि उन्होंने केबिन-क्रू को बताया था कि उनमें से एक को मधुमेह है और पर्याप्त भोजन की जरूरत थी।
अधिवक्ता सुरूचि मित्तल के माध्यम से दायर याचिका में दंपति ने दावा किया कि जब भी उन्हें लगता है कि उनके शूगर लेवल में गिरावट हो रही है तो उन्हें फलों के पेय का सेवन करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एक सह-यात्री द्वारा दिए गए भोजन के कारण वे उड़ान के दौरान खुद को बचाये रखने में कामयाब हो सके।
उन्होंने दलील दी कि एयरलाइन्स को कोई हक नहीं है कि वह बगैर पर्याप्त भोजन, चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं के बगैर 400 यात्रियों को लेकर उड़ान भरे। उन्होंने कहा कि एयरलाइन एकतरफा निर्णय नहीं ले सकती है कि वे यात्रियों को सूचित किए बिना केवल एक ही भोजन परोसेंगे, जो आमतौर पर उड़ानों में भोजन नहीं करते हैं। उन्होंने 2.25 लाख रुपये की टिकट लागत को वापस करने और मुआवजा के रूप में पांच लाख रुपये देने का एयर लाइन्स को निर्देश देने की मांग की।
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