Delhi News: संजय कैंप में 12 साल की अस्मां ने पढ़ी संविधान की प्रस्तावना, कर्तव्यों का पालन करने की दिलाई शपथ
हममें से बहुत से बच्चे स्कूल से कोसों दूर थे और मजदूरी करते थे। आज वे स्कूल जा रहे हैं। यह इस संविधान की देन है। इसलिए हमने शपथ ली कि हम अपने अधिकार हासिल करेंगे और कर्तव्यों का पालन करेंगे। संजय कैंप में कभी बाल मजदूरों की बहुतायत थी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। चाणक्यपुरी स्थित स्लम बस्ती संजय कैंप में 12 साल की अस्मां ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी, जिसे वहां मौजूद बच्चों ने दोहराया। इसके साथ ही उन्हें उनके कर्तव्य और अधिकार की शपथ भी दिलाई। उसने कहा, 'हममें से बहुत से बच्चे स्कूल से कोसों दूर थे और मजदूरी करते थे। आज वे स्कूल जा रहे हैं। यह इस संविधान की देन है। इसलिए हमने शपथ ली कि हम अपने अधिकार हासिल करेंगे और कर्तव्यों का पालन करेंगे।' संजय कैंप में कभी बाल मजदूरों की बहुतायत थी।
वे वह काम छोड़कर स्कूल जा रहे हैं और पढ़ाई कर रहे हैं। संजय कैंप के आसपास एंबेसी एरिया है, जहां कई देशों के दूतावास हैं। यहां कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन की ओर से बाल मित्र मंडल बनाया गया है, जिसने संविधान दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को देश के प्रति उनके कर्तव्यों तथा संविधान से सुरक्षित उनके अधिकारों की जानकारी दी।
अस्मां बच्चों की चुनी हुई बाल परिषद की उपाध्यक्ष हैं। वहां मौजूद बच्चे हाथ में प्लेकार्ड लेकर लोगों को लोकतंत्र के प्रति जागरूक भी कर रहे थे। इस अवसर पर फाउंडेशन से जुड़े लोगों ने दावा किया कि शुक्रवार को एक साथ देशभर के 20 राज्यों के 478 जिलों में शासन-प्रशासन के सहयोग से आठ लाख से अधिक जगहों पर कार्यक्रम आयोजित कर संविधान दिवस मनाया, जिसमें पांच करोड़ से अधिक बच्चों ने भाग लिया।
शिक्षकों ने बताया कि प्रस्तावना पढ़कर बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। अगर बच्चे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे तो उन्हें आसानी से हासिल कर सकते हैं। साथ ही सभी बच्चों को संविधान का सम्मान करना चाहिए।