Global COVID-19 : कोरोना महामारी के बाद दुनिया के 11 करोड़ से अधिक लोग हुए और ज्यादा गरीब

Global COVID-19 रिपोर्ट के मुताबिक 31 दिसंबर 2020 तक भारत में 2.5 करोड़ से ज्यादा बच्चों ने जन्म लिया। यानी एक पूरी पीढ़ी ने सदी की सबसे लंबी महामारी के दौरान जन्म लिया जब ये बच्चे बड़े होंगे तो इनकी याददाश्त में महामारी एक निर्णायक मिसाल के तौर पर होगी।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 07:58 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 08:50 AM (IST)
Global COVID-19 : कोरोना महामारी के बाद दुनिया के 11 करोड़ से अधिक लोग हुए और ज्यादा गरीब
भारत में करीब 9.4 करोड़ बच्चे लाकडाउन के कारण मिड-डे मील से वंचित रहे।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कोरोना ने विश्व को और गरीब बना दिया है। दुनियाभर में 11.5 करोड़ लोग अत्यंत गरीबी में जीने को विवश हैं। इनमें से ज्यादातर लोग दक्षिण एशिया के हैं। यह अहम तथ्य सामने आया है सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की सालाना रिपोर्ट स्टेट आफ इंडियाज एन्वायरमेंट 2021 में। बृहस्पतिवार शाम जारी की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक 31 दिसंबर 2020 तक भारत में 2.5 करोड़ से ज्यादा बच्चों ने जन्म लिया। यानी एक पूरी पीढ़ी ने सदी की सबसे लंबी महामारी के दौरान जन्म लिया, जब ये बच्चे बड़े होंगे तो इनकी याददाश्त में महामारी एक निर्णायक मिसाल के तौर पर होगी। इस महामारी के कारण मौजूदा पीढ़ी के 35 करोड़ से ज्यादा बच्चे इसके अलग-अलग तरह के असर को जीवन भर ढोएंगे। लॉकडाउन के कारण बच्चों को सरकारी स्कूलों में मिलने वाला भोजन तक नहीं मिला। भारत में करीब 9.4 करोड़ बच्चे लॉकडाउन के कारण मिड-डे मील से वंचित रहे। रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक बच्चों में ठिगनापन (बौनापन) को 2.5) तक लाने का जो भारत का लक्ष्य था, वह भी कोविड के प्रभावित हुआ है। चार वर्ष तक के बच्चों में अभी यह फीसद 33.4 है, जबकि पांच साल तक के बच्चों में यह फीसद 34.7 है।

भारत में लॉकडाउन के दौरान नदियां नहीं हुईं साफ

सीएसई की रिपोर्ट में इस सरकारी दावे को भी सिरे से खारिज कर दिया गया है कि लॉकडाउन के कारण भारत की नदियां साफ हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, गंगा सहित 19 नदियां इस दौरान और ज्यादा गंदी हो गई हैं। वजह, सामान्य दिनों में जो कचरा नदियों में नहीं जाता, कोरोना लाकडाउन की आड़ में वह भी नदियों में बहा दिया गया।

लैंडफिल साइट बन रही बड़ी समस्या

ठोस कचरा प्रबंधन के तहत लैंडफिल साइट भी देश के लिए खासी समस्या का सबब बन रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 609 लैंडफिल साइट के साथ उप्र देश में पहले स्थान पर है, जबकि मप्र 378 और महाराष्ट्र 327 लैंडफिल साइट के साथ क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। दिल्ली में तीन प्रमुख लैंडफिल साइट हैं- भलस्वा, गाजीपुर और ओखला। तीनों ही क्षमता से अधिक भर चुकी हैं और इन्हें बंद करने की समयावधि भी कई बार निकल चुकी है। बावजूद इसके इन साइटों को बंद करने को अदालत से और अभी मोहलत मांगी जा रही है। नई साइट आरंभ करने के लिए जद्दोजहद ही चल रही है।

chat bot
आपका साथी