एमसीडी पर दिल्ली सरकार का 8,600 करोड़ रुपया बकाया : सिसोदिया

-उपमुख्यमंत्री ने तीनों मेयरों को लिखी चिट्ठी -कैग की ऑडिट रिपोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश बता

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 10:29 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 10:29 PM (IST)
एमसीडी पर दिल्ली सरकार का 8,600 करोड़ रुपया बकाया : सिसोदिया
एमसीडी पर दिल्ली सरकार का 8,600 करोड़ रुपया बकाया : सिसोदिया

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को एमसीडी अस्पतालों के स्वास्थ्य कíमयों को देरी से वेतन देने के मुद्दे पर एमसीडी की तरफ से किए गए झूठे दावों और तुच्छ राजनीति को लेकर तीनों मेयर को चिट्ठी लिखी है। तीनों मेयरों ने पहले सीएम आवास के सामने विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें दावा किया गया कि दिल्ली सरकार की तरफ से एमसीडी को बड़ी मात्रा में राशि का भुगतान किया जाना है। मेयरों की तरफ से किए गए गंभीर दावों पर पलटवार करते हुए सिसोदिया ने तथ्य पेश करते हुए कहा कि पाचवें दिल्ली वित्त आयोग के अनुसार दिल्ली सरकार न केवल एमसीडी को बकाया राशि का भुगतान कर चुकी है, बल्कि एमसीडी के ऊपर दिल्ली सरकार का बड़ा भारी लोन बकाया है।

उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड के आधार पर एमसीडी के पास दिल्ली सरकार का 6,008 करोड़ रुपये का लोन बकाया है, जबकि दिल्ली जल बोर्ड का एमसीडी के ऊपर 2596 करोड़ रुपये भी बकाया है। इसलिए एमसीडी को दिल्ली सरकार को 8600 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करना है। उपमुख्यमंत्री ने तीनों मेयरों से आग्रह किया कि वे तुच्छ राजनीति से ऊपर उठें और तीनों एमसीडी में भ्रष्टाचार और वित्तीय कुप्रबंधन के वास्तविक मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करें।

उन्होंने मेयरों से आग्रह किया कि एमसीडी केंद्र सरकार से बकाया 12,000 करोड़ रुपये की माग करे, जो की दिल्ली के लोगों का अधिकार है। स्वास्थ्य कíमयों के वेतन में देरी निराशाजनक मेयरों को पत्र लिखते हुए सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के तीनों मेयरों के रूप में एमसीडी अस्पतालों के डॉक्टरों, स्वास्थ्य सेवा कíमयों के वेतन में देरी किए जाने संबंधी आपके कार्यो से हुई निराशा के साथ यह पत्र लिख रहा हूं। आपके कार्यो से स्पष्ट है कि एमसीडी के उपलब्ध प्रशासनिक विकल्पों का उपयोग करके मामले का व्यावहारिक समाधान खोजने के बजाय आप केवल झूठ बोलने और इस मुद्दे पर शर्मनाक राजनीति करने में रुचि रखते हैं। इसके जरिये आपने हजारों स्वास्थ्य कíमयों के परिवारों को दर्द पहुंचाया और जब पूरा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हो गया था उस समय राष्ट्रीय राजधानी की प्रतिष्ठा को कम किया है।

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