श्रद्धापूर्वक मनाई गई महर्षि वाल्मीकि की जयंती

राजधानी में महर्षि वाल्मीकि की जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। मंदिर मार्ग स्थित वाल्मीकि मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। वहीं शाम को आयोजित सर्व धर्म समभाव सभा में केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शामिल हुए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 10:14 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 10:14 PM (IST)
श्रद्धापूर्वक मनाई गई महर्षि वाल्मीकि की जयंती
श्रद्धापूर्वक मनाई गई महर्षि वाल्मीकि की जयंती

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

राजधानी में महर्षि वाल्मीकि की जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। मंदिर मार्ग स्थित वाल्मीकि मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। वहीं, शाम को आयोजित सर्व धर्म समभाव सभा में केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शामिल हुए। वहीं, ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल ने भी देशवासियों को वाल्मीकि जयंती की बधाई दी। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संध्या आरती में भी हिस्सा लिया और संपूर्ण देश में सुख शांति की कामना की। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्होंने आज उनके दर्शन किए और सर्व धर्म समभाव सभा में हिस्सा लिया।

इस अवसर के लिए मंदिर परिसर को आकर्षक लाइटों से सजाया गया था। साफ-सफाई के इंतजाम किए गए थे। मंदिर में सुबह हवन कर उत्सव की शुरुआत की गई। बच्चे से लेकर बुजुर्ग श्रद्धालु तक दर्शन के लिए कतार में लगे दिखे। लोग उनकी मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर देश की समृद्धि की कामना कर रहे थे। मंदिर समिति ने प्रसाद के रूप में खीर का वितरण किया। शाम को मंदिर में भजन संध्या का आयोजन किया गया। समभाव सभा में भगवान वाल्मीकि की विशेषताएं लोगों को बताई गई। मंदिर के संत कृष्ण साह विद्यार्थी महाराज ने बताया कि यह दिन हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें सामाजिक, मानव व राष्ट्र मूल्यों को समझना होगा। वहीं मानवता को सबसे आगे रखना चाहिए। यही महर्षि वाल्मीकि का भी कहना था। आज भी उनके दिए संदेश समाज के लिए महत्व रखते हैं।

मंदिर समीति के सदस्य ज्ञानी ने बताया कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से श्रद्धालु दर्शन करने आए। इस अवसर पर अलग-अलग जगहों पर भंडारे का आयोजन किया गया। जंयती में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए।

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