निजी विद्यालयों के हितों की रक्षा के लिए भी कानून बने: सत्यवीर मावी

निजी विद्यालय सरकार के साथ सभी के लिए शिक्षा मिशन को पूरा करने में मुख्य भागीदारी निभा रहे हैं। लेकिन निजी विद्यालयों के हितों की रक्षा के लिए कोई नीति/कानून नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 08:34 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 01:20 AM (IST)
निजी विद्यालयों के हितों की रक्षा के लिए भी कानून बने: सत्यवीर मावी
निजी विद्यालयों के हितों की रक्षा के लिए भी कानून बने: सत्यवीर मावी

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :

निजी विद्यालय सरकार के साथ 'सभी के लिए शिक्षा' मिशन को पूरा करने में मुख्य भागीदारी निभा रहे हैं। लेकिन निजी विद्यालयों के हितों की रक्षा के लिए कोई नीति/कानून नहीं है। यही वजह है कि कुछ अभिभावक विद्यालयों को फीस चुकाने में आनाकानी करते हैं। हमारे हाथ भी बंधे हैं, क्योंकि न्यायालयों के निर्देशानुसार किसी भी छात्र से फीस नहीं मांग सकते। परीक्षा देने से रोक नहीं सकते। अभिभावकों पर फीस चुकाने की किसी प्रकार की कानूनी बाध्यता नहीं है। सरकार निजी विद्यालयों की हितों की रक्षा के लिए भी कानून बनाए। ये बातें स्कूल डेवलपिंग इंडिपेंडेंट एलाइंस ट्रस्ट के चेयरमैन सत्यवीर मावी ने एक पत्र के माध्यम से कही।

सत्यवीर मावी ने विद्यालयों के हितों की रक्षा के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने मांग की है कि जिस प्रकार बिजली, पानी, टेलीफोन विभाग अपना बकाया वसूलने के लिए सेवाएं बाधित कर देते हैं। आयकर विभाग, यातायात विभाग, रेलवे, बैंक आदि भी कानूनी मदद लेते हैं, जिसके भय से हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इनका बकाया समय से चुका देते हैं। इसी प्रकार से विद्यालय भी अपना बकाया ले सकें, इसके लिए भी कानून बने। इससे बच्चों की शिक्षा व विद्यालय बिना किसी बाधा के चलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार कोई नीति बनाए, जिससे विद्यालय सुचारू रूप से संचालित होते रहें।

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