विज्ञान के क्रियाकलाप के लिए तय राशि को 10 गुना बढ़ाने की तैयारी

विज्ञान के क्रियाकलापों के लिए पिछले दो दशक से 10 रुपये प्रति कक्षा की निर्धारित राशि को अब बढ़ाने की तैयारी चल रही है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का प्रस्ताव है कि इस राशि को 10 गुना बढ़ाकर 100 रुपये कर दिया जाए। दो दशक बाद ही सही इस दिशा में शुरू हुई कोशिश की शिक्षक सराहना कर रहे हैं। हांलाकि उनका अभी भी कहना है कि भले ही 10 रुपये से बढ़कर राशि 100 रुपये करने का प्रस्ताव है लेकिन बाजार में विज्ञान से जुड़े क्रियाकलाप में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की कीमतों को देखते हुए यह राशि भी नाकाफी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 12:13 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 12:13 AM (IST)
विज्ञान के क्रियाकलाप के लिए तय राशि को 10 गुना बढ़ाने की तैयारी
विज्ञान के क्रियाकलाप के लिए तय राशि को 10 गुना बढ़ाने की तैयारी

गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली विज्ञान के क्रियाकलापों के लिए दो दशक से 10 रुपये प्रति कक्षा की निर्धारित राशि को अब बढ़ाने की तैयारी चल रही है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का प्रस्ताव है कि इस राशि को 10 गुना बढ़ाकर 100 रुपये कर दिया जाए। दो दशक बाद ही सही, इस दिशा में शुरू हुई कोशिश की शिक्षक सराहना कर रहे हैं। हालांकि उनका अभी भी कहना है कि भले ही 10 रुपये से बढ़कर राशि 100 रुपये करने का प्रस्ताव है, लेकिन बाजार में विज्ञान से जुड़े क्रियाकलाप में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की कीमतों को देखते हुए यह राशि भी नाकाफी है।

गौरतलब कि दो दशक से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान के क्रियाकलाप के लिए जरूरी सामानों की खरीद के लिए प्रति सेक्शन 10 रुपये का बजट निर्धारित है। महज 10 रुपये में विज्ञान के क्रियाकलाप से जुड़ी सामग्री का इंतजाम कैसे हो, यह शिक्षकों की समझ से परे है। शिक्षकों का कहना है कि विज्ञान व गणित दो ऐसे विषय हैं जिन्हें पढ़ने से बच्चे कतराते हैं। ये दोनों विषय आज के समय में अत्यंत जरूरी हैं। जोड़, घटाव व गुणा जैसी गणित की मूलभूत चीजों के बारे में बच्चे घर में या दैनिक जीवन में सामान खरीदने के दौरान या अपने माता-पिता से सीख लेते हैं, लेकिन विज्ञान विषय के साथ ऐसा नहीं होता। विज्ञान के सिद्धांत को केवल याद कर समझा नहीं जा सकता है। बच्चों के मामले में क्रियाकलाप कर उन्हें समझाया जाता है।

क्यों है क्रियाकलाप जरूरी :

विज्ञान के क्रियाकलाप की अहमियत बताते हुए शिक्षक बताते हैं कि इनके माध्यम से सिद्धांत की बात को व्यावहारिक तौर पर बच्चे समझते हैं। मसलन घुलनशील व अघुलनशील चीजों की जानकारी के लिए बच्चों के सामने प्रयोग किए जाते हैं। उन्हें पानी से भरे गिलास में नमक या चीनी डालकर उन्हें समझाया जाता है कि ये पानी में घुल जाते हैं। इसी तरह पौधे के अलग अलग हिस्सों की जानकारी के लिए पौधा नर्सरी से खरीदकर लाना पड़ता है। इसी तरह फूल के विभिन्न हिस्सों की जानकारी देने के लिए बाजार से फूल खरीदना पड़ता है। कई बार टेस्ट टयूब या बर्नर जैसी चीजों की जरूरत होती है। ये ऐसी चीजें हैं जिनका इंतजाम आप 10 रुपये में नहीं कर सकते हैं। जरूरी नहीं कि आप एक सेक्शन के सभी बच्चों को एक ही फूल या पौधे से समझा दें। कई बार आपको दो या दो से अधिक फूल या पौधे की जरूरत होती है, लेकिन 10 रुपये में तो एक का इंतजाम भी मुश्किल है।

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हम विज्ञान में प्रयोग की अहमियत समझते हैं। हमारी कोशिश है कि निगम के विद्यालयों में अधिक से अधिक बच्चों को विज्ञान की बुनियादी बातें समझ में आएं। विज्ञान के क्रियाकलाप के लिए जरूरी वस्तुओं की खरीद की राशि को 10 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये करने का प्रस्ताव है। इसे जल्द मंजूरी मिलने की संभावना है।

मुकेश सुर्यान, अध्यक्ष, शिक्षा समिति, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम

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