कन्या पूजन के लिए उपहारों की बाजारों में चहल-पहल
कन्याओं को देवी का रूप मानकर नवरात्र में अष्टमी और नवमी के दिन उनका पूजन करने की परंपरा है। कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया जाता है और फिर उपहार देकर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : कन्याओं को देवी का रूप मानकर नवरात्र में अष्टमी और नवमी के दिन उनका पूजन करने की परंपरा है। कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया जाता है, और फिर उपहार देकर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है। कन्याओं को उपहार में सामान्य प्लेट और रुमाल देना अब पुराने जमाने की बात हो गई है। अब तो कन्याओं के लिए बाजार में एक से बढ़कर एक उपहार उपलब्ध हैं। जिसमें तरह-तरह की प्लेट, टिफिन बॉक्स, स्टेशनरी आइटम पेन, पेंसिल बॉक्स, बैग, डायरी, कलर और स्टोरी बुक, हेयर क्लिप्स, हेयर बैंड, रबर बैंड ब्रेसलेट, पर्स, इयररिग, सॉफ्ट टॉयज, पिग्गी बैंक आदि कई विकल्प है। पर्यावरण संरक्षण व प्लास्टिक को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक समझते हुए अधिकांश लोग प्लास्टिक की डिजाइनर प्लेट लेने के बजाय स्टील की प्लेट को अधिक तवज्जो दे रहे हैं। बीते कुछ सालों में लोगों को रुझान खान-पान से जुड़ी चीजों को बतौर उपहार देने की तरफ बढ़ा है। जैसे चॉकलेट, जूस, चिप्स आदि। असल में इन्हें बच्चे शौक से खाते हैं। उपहारों का बाजार सजकर तैयार है। दुकानदारों का कहना हैं कि अष्टमी से एक-दो दिन पहले ही लोग खरीदारी के लिए बाजार का रुख करते है।