सीएए मामले में प्रदर्शन को लेकर जेएनयू प्रशासन व शिक्षक संघ में ठनी
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन और जेएनयू शिक्षक संघ के बीच फिर तनाननी शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन और जेएनयू शिक्षक संघ के बीच फिर तनातनी शुरू हो गई है। 2 जून को फेडरेशन ऑफ सेंट्रल यूनिवर्सिटीज टीचर्स एसोसिएशन (फेडकुटा) की तरफ से देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं व उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में आरोपितों की गिरफ्तारी के संदर्भ में घर से ही ऑनलाइन प्रदर्शन करने का आह्वान किया गया था। इसी प्रदर्शन में जेएनयू शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षक भी शामिल हुए थे। इस पर जेएनयू प्रशासन ने शुक्रवार को इन शिक्षकों से अपील की वह जेएनयू की छवि को खराब न करें। इस पर जेएनयू शिक्षक संघ ने प्रशासन के खिलाफ शनिवार को बयान जारी कर कहा कि सरकार की तरफ से कोविड-19 को लेकर जारी दिशा-निर्देश के मद्देनजर जेएनयू प्रशासन ने अकादमिक कार्यों को बंद रखने का निर्देश जारी किया है। यह निर्देश कैंपस की रिहायशी जिदगी पर लागू नहीं होता है। शिक्षकों को प्रदर्शन करने का अधिकार है।
जेएनयूटीएफ ने शिक्षक संघ को घेरा
जेएनयू के एक अन्य शिक्षक संगठन, जेएनयू टीचर्स फेडरेशन (जेएनयूटीएफ) ने शिक्षक संघ को घेरते हुए शनिवार को बयान जारी किया है। बयान में कहा गया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे में पुलिस की तरफ से जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, उनके समर्थन में प्रदर्शन करना बेहद निराशानजक है। वहीं शिक्षक संघ ने जेएनयूटीएफ के आरोपों से इन्कार किया है।