सीमा सील करने के दिशानिर्देशों को वेबसाइट पर करें अपलोड: हाई कोर्ट

दिल्ली की सीमा सील करने को लेकर विवाद पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि 1 जून को जारी किए गए दिशानिर्देशों को विभिन्न विभागों की वेबसाइट पर आज ही प्रमुखता से प्रचारित किया जाए और लोगों के लिए आसान तरीके से उपलब्ध कराया जाए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 07:20 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 07:20 PM (IST)
सीमा सील करने के दिशानिर्देशों को वेबसाइट पर करें अपलोड: हाई कोर्ट
सीमा सील करने के दिशानिर्देशों को वेबसाइट पर करें अपलोड: हाई कोर्ट

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

दिल्ली की सीमा सील करने को लेकर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि एक जून को जारी किए गए दिशानिर्देशों को विभिन्न विभागों की वेबसाइट पर आज ही प्रमुखता से अपलोड किया जाए।

वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ को दिल्ली सरकार ने बताया कि आपात स्थिति में आने वाले नागरिक ई-पास से दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं।

दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल स्टैंडिग काउंसल संजय घोष ने पीठ को बताया कि आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एक जून को जारी किए गए निर्देशों के तहत आपात चिकित्सकीय सेवा के लिए आ रहे नागरिक ई-पास के जरिये दिल्ली आ सकते हैं। दिल्ली सरकार ने कहा कि आपात स्थिति या आवश्यक कार्य में शामिल निजी व सरकारी नागरिकों के प्रवेश पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। पीठ ने दिल्ली सरकार के बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए सीमा सील करने के खिलाफ दायर याचिका का निपटारा कर दिया।

याचिकाकर्ता कुशाग्र कुमार ने जनहित याचिका दायर कर सीमाओं को खोलने की मांग की थी। याचिका में कहा गया है कि सीमाओं को खोला जाए ताकि एनसीआर व अन्य राज्यों के मरीज केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं ले सकें। एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनों का लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का आदेश अमानवीय होने के साथ ही अवैध भी है। याचिकाकर्ता ने कहा कि सीमाओं को सील करके लोगों को सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाएं लेने से रोका जा रहा है। दिल्ली सरकार ने एक जून को एक सप्ताह के लिए सीमाओं को सील करने का आदेश जारी किया था। मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल ने कहा था कि अगर सीमाओं को खोला गया तो देश के विभिन्न हिस्सों से मरीज इलाज के लिए आएंगे, ऐसे में दिल्ली के अस्पतालों को दिल्लीवासियों के लिए आरक्षित रखा जाना चाहिए।

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