संघ के इतिहास में पहली बार वर्चुअल लग रहा शिक्षा वर्ग

-कोरोना को देखते हुए घर से ही छात्रों युवाओं प्रथम वर्ष व प्रौढ़ का हुआ प्रशिक्षण कार्यक्रम -2

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 07:39 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 07:39 PM (IST)
संघ के इतिहास में पहली बार वर्चुअल लग रहा शिक्षा वर्ग
संघ के इतिहास में पहली बार वर्चुअल लग रहा शिक्षा वर्ग

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इतिहास में पहली बार शिक्षा वर्ग (प्रशिक्षण शिविर) वर्चुअल लग रहा है। देशभर की राज्य इकाइयों द्वारा अपनी सुविधानुसार इसका आयोजन किया जा रहा है। दिल्ली में हाल ही में संपन्न हुए अलग-अलग प्रशिक्षण शिविर में ढाई हजार से अधिक स्वयंसेवक प्रशिक्षित हुए। कुल पाच दिनों के इस सत्र में छात्र, युवा, प्रथम वर्ष व प्रौढ़ स्वयंसेवक ने अलग-अलग समूह में भाग लिया। रोजाना सुबह-शाम दो-दो घटे बौद्धिक विमर्श के साथ योग के माध्यम से शारीरिक अभ्यास हुआ। बौद्धिक में कोरोना महामारी, संघ का सेवा कार्य व आत्मनिर्भर भारत जैसे अलग-अलग विषयों पर चर्चा हुई तो वरिष्ठ पदाधिकारियों का मार्गदर्शन भी मिला। अंतिम दिन 10 जुलाई को सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने स्वयंसेवकों को समाज में उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों को लेकर मार्गदर्शन किया। दिल्ली के आठों विभाग (संगठन स्तर पर दिल्ली को आठ विभाग में बाटा गया है।) में आयोजित इस आयोजन में युवाओं की उल्लेखनीय भागीदारी रही।

संघ में हर वर्ष आयोजित होने वाले प्रशिक्षण शिविर का विशेष महत्व होता है। 20 दिनों का प्रथम व द्वितीय वर्ष राज्य स्तर पर, तो 25 दिनों का शिक्षा वर्ग नागपुर में आयोजित होता है, जिसमें सर संघचालक का संबोधन भी होता है। पिछले वर्ष जून माह में नागपुर में आयोजित तृतीय वर्ष के शिविर में 828 स्वयंसेवकों ने भाग लिया था।

कोरोना व लॉकडाउन के चलते देशभर में इस वर्ष मई-जून में पूर्व निर्धारित 92 शिविरों को स्थगित कर दिया गया था। इसमें तकरीबन 23 हजार स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जाना था।

संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक संघ निरंतर चलने का नाम है। स्वयंसेवकों के सीखने, समझने और मार्गदर्शन की प्रक्रिया बराबर चलती रहती है, लेकिन इस वर्ष कोरोना के कारण शिक्षा वर्ग का आयोजन नहीं हुआ तो इस तरह के संक्षिप्त वर्चुअल शिक्षा वर्ग की कल्पना की गई। हर राज्य में संगठन द्वारा अपनी सुविधा के अनुसार इसका आयोजन किया जा रहा है। ताकि, संघ और स्वयंसेवकों में निरंतरता बनी रहे।

इसे पूर्ण शिक्षा वर्ग कहना उचित नहीं होगा, क्योंकि वास्तविक शिक्षा वर्ग में स्वयंसेवकों की कठिन दिनचर्या होती है। सामूहिक भोजन, चर्चा और शारीरिक प्रशिक्षण होता है। सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि इस तरह का प्रशिक्षण शिविर का आयोजन राज्य इकाई अपनी सुविधा के अनुसार कर रहे हैं।

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