भारत की 56 छावनी परिषद में छह माह के लिए टाले गए चुनाव

कोरोना वायरस व छावनी परिषद की कार्य प्रणाली से जुड़ी नीतियों में बड़े पैमाने पर हो रहे बदलावों के कारण रक्षा मंत्रालय ने एक बार फिर दिल्ली छावनी परिषद के चुनाव को छह माह के लिए टाल दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 10:12 PM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 10:12 PM (IST)
भारत की 56 छावनी परिषद में छह माह के लिए टाले गए चुनाव
भारत की 56 छावनी परिषद में छह माह के लिए टाले गए चुनाव

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : कोरोना वायरस व छावनी परिषद की कार्य प्रणाली से जुड़ी नीतियों में बड़े पैमाने पर हो रहे बदलावों के कारण रक्षा मंत्रालय ने एक बार फिर दिल्ली छावनी परिषद के चुनाव को छह माह के लिए टाल दिया है। यानि अब फरवरी 2021 में चुनाव के बाद नया बोर्ड गठित होगा। रक्षा मंत्रालय ने भारत की कुल 62 छावनियों में से 56 छावनियों में छह माह के लिए बोर्ड के निर्वाचित सदस्यों के कार्यकाल को बढ़ाने का फैसला लिया गया है। बुधवार देर शाम विज्ञाप्ति जारी कर रक्षा मंत्रालय ने इस बाबत सूचना दी। रक्षा मंत्रालय के इस फैसले के बाद से दिल्ली छावनी परिषद के निर्वाचित सदस्य मन ही मन काफी खुश है, क्योंकि बिना चुनाव लड़े वे और छह माह बोर्ड में बने रह सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 1914 में स्थापित दिल्ली छावनी परिषद में बीते काफी सालों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जिसके कारण रक्षा मंत्रालय छावनी परिषद की कार्यशैली में बदलाव की दिशा में प्रयासरत है।

गौतलब हो कि फरवरी 2020 में दिल्ली छावनी परिषद का कार्यकाल समाप्त हो गया था। उस समय भी नई नीति निर्धारण व परीसीमन के कारण बोर्ड का छह माह के लिए विस्तार कर दिया गया था। विस्तार के बाद इस माह चुनाव आयोजित होने थे। पर एक बार फिर मंत्रालय ने निर्वाचित सदस्यों के छह माह के कार्यकाल को बढ़ा दिया है। दिल्ली छावनी के आठों निर्वाचित सदस्य अब वित्त समिति व उपाध्यक्ष के चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। 29 जुलाई 2020 को वित्त समिति का कार्यकाल भी पूरा हो गया था। रक्षा मंत्रालय के फैसले के इंतजार के कारण अभी तक चुनाव आयोजित नहीं किए जा रहे थे। पर अब अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही चुनाव होंगे। साथ ही अगले माह यानि सितंबर उपाध्यक्ष पद का कार्यकाल भी समाप्त होने जा रहा है। विस्तार मिलेगा या नहीं, इस कश्मकश में छावनी परिषद का कार्य प्रभावित हो रहा था, पर अब एक बार फिर विकास कार्यो में रफ्तार देखने को मिलेगी। पहले भी बढ़ाया गया है कार्यकाल : गौरतलब हो कि जून 2008 में गठित बोर्ड के जून 2013 में चुनाव आयोजित होने थे। पर उस समय किन्हीं कारणों से चुनाव न होकर बोर्ड का छह-छह माह करके 20 माह के लिए कार्यकाल बढ़ा दिया गया था और फरवरी 2015 में जाकर नए बोर्ड का गठन किया गया।

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