केंद्र के फैसले को पलटने की तैयारी में पूर्वी निगम

केंद्र सरकार ने करीब तीन साल पहले डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को 65 साल कर दिया था। यह फैसला केंद्र सरकार के साथ सभी राज्यों और निगमों के स्वास्थ्य केंद्रों में लागू हुआ। लेकिन भाजपा शासित पूर्वी निगम अब इस फैसले को पलटने की तैयारी कर चुका है। इस संबंध में निगम के अधिकारियों ने एक प्रस्ताव तैयार किया। इसे निगम की स्थायी समिति की पिछली बैठक में बिना किसी शोर-शराबे के पास भी कर दिया गया। अब इस प्रस्ताव में निगम के सदन में भेजा जाएगा। अगर यहां से मुहर लगी तो पूर्वी निगम के काम करने वाले डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु घट जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Feb 2019 08:11 PM (IST) Updated:Sun, 17 Feb 2019 08:11 PM (IST)
केंद्र के फैसले को पलटने की तैयारी में पूर्वी निगम
केंद्र के फैसले को पलटने की तैयारी में पूर्वी निगम

स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली : केंद्र सरकार ने करीब तीन साल पहले डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 साल कर दिया था। यह फैसला केंद्र के साथ सभी राज्यों और निगमों के स्वास्थ्य केंद्रों में भी लागू हुआ, लेकिन भाजपा शासित पूर्वी दिल्ली नगर निगम अब इस फैसले को पलटने की तैयारी कर चुका है। इस संबंध में निगम के अधिकारियों ने एक प्रस्ताव तैयार किया, जिसे निगम की स्थायी समिति की पिछली बैठक में बिना किसी शोर-शराबे के पास भी कर दिया गया। अब इस प्रस्ताव को निगम के सदन में भेजा जाएगा। अगर यहां मुहर लग गई तो पूर्वी निगम के अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु घट जाएगी।

जानकारी के मुताबिक, 2016 से पहले पूर्वी निगम में मेडिकल ऑफिसर की सेवानिवृत्ति की आयु 60 और विशेषज्ञ डॉक्टर की 62 वर्ष थी। केंद्र सरकार के फैसले के बाद आयु बढ़ाकर 65 साल कर दी गई। इसमें एक नियम यह भी था कि 62 साल तक के ही डॉक्टर प्रशासनिक पद पर रह सकते हैं। यह फैसला भी पूर्वी निगम में देरी से लागू हुआ था। अब स्थायी समिति में जो प्रस्ताव पास किया गया है, उसमें 2016 से पहले की स्थिति को ही लागू करने की बात कही गई है। प्रस्ताव में कहा गया कि पूर्वी निगम आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे में यह फैसला लिया गया है। स्थायी समिति के चेयरमैन सत्यपाल ¨सह ने भी प्रस्ताव पास होने की पुष्टि की है। निगम सूत्रों का कहना है कि 60 या 62 साल से अधिक उम्र के डॉक्टरों का वेतन दो से तीन लाख रुपये है। इतने में दो से तीन नए डॉक्टर रखे जा सकते हैं। उम्र के साथ बुजुर्ग डॉक्टरों की कार्यक्षमता भी युवा डॉक्टर से कम हो जाती है। ऐसे में आर्थिक स्थिति को देखते हुए निगम को यह निर्णय लेना पड़ा।

वहीं दूसरी ओर निगम के इस फैसले का डॉक्टरों की ओर से विरोध भी शुरू हो गया है। निगम से इस फैसले से प्रभावित होने वाले कुछ डॉक्टर कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। निगम में कार्यरत दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय लेखी ने इस कवायद को गलत करार दिया है। उनका कहना है कि पूर्वी निगम में कार्यरत अधिकतर स्थायी डॉक्टरों की नियुक्ति एकीकृत निगम में हुई थी। आज भी यहां के डॉक्टरों के तबादले व पदोन्नति के आदेश उत्तरी दिल्ली नगर निगम से आते हैं। ऐसे में पूर्वी दिल्ली निगम डॉक्टरों को लेकर कोई नीति नहीं बना सकता है।

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