करमुक्त होकर भी अंतिम बजट में राजस्व वृद्धि का अनुमान

पूर्वी निगम में सदन की विशेष बैठक में नेता सदन प्रवेश शर्मा ने अंतिम बजट पेश किया। आयुक्त की तरफ से पेश बजट की तुलना में इसमें अगले वित्तीय वर्ष में राजस्व में वृद्धि का अनुमान जताया गया है। खास बात यह है कि अंतिम बजट में प्रस्तावित सभी तरह के नए करों को हटा दिया गया है। अंतिम बजट में मौजूदा वित्तीय वर्ष में संशोधन के बाद 3167 करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान जताया गया है। जबकि आयुक्त के बजट में यह 2910 करोड़ रुपये था। इसी तरह से अगले वित्तीय वर्ष में राजस्व का अनुमान आयुक्त ने 4365 करोड़ रुपये रखा था। प्रवेश शर्मा द्वारा पेश बजट में इसे बढ़ाकर 4523 करोड़ रुपये किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Feb 2021 09:04 PM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2021 09:04 PM (IST)
करमुक्त होकर भी अंतिम बजट में राजस्व वृद्धि का अनुमान
करमुक्त होकर भी अंतिम बजट में राजस्व वृद्धि का अनुमान

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :

पूर्वी निगम में सदन की विशेष बैठक में नेता सदन प्रवेश शर्मा ने अंतिम बजट पेश किया। आयुक्त की तरफ से पेश बजट की तुलना में इसमें अगले वित्तीय वर्ष में राजस्व में वृद्धि का अनुमान जताया गया है। खास बात यह है कि अंतिम बजट में प्रस्तावित सभी तरह के नए करों को हटा दिया गया है। अंतिम बजट में मौजूदा वित्तीय वर्ष में संशोधन के बाद 3,167 करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान जताया गया है। जबकि आयुक्त के बजट में यह 2,910 करोड़ रुपये था। इसी तरह से अगले वित्तीय वर्ष में राजस्व का अनुमान आयुक्त ने 4,365 करोड़ रुपये रखा था। प्रवेश शर्मा द्वारा पेश बजट में इसे बढ़ाकर 4,523 करोड़ रुपये किया गया है।

बैठक में वर्ष 2020-21 के संशोधित बजट अनुमान तथा वर्ष 2021-22 के बजट अनुमानों पर पेश किए अपने बजट भाषण में प्रवेश शर्मा ने कहा कि आयुक्त के प्रस्ताव में मौजूदा वित्तीय वर्ष में 3,080 करोड़ रुपये का व्यय का अनुमान था। इसे घटाकर 3,079 करोड़ रुपये किया गया है। इसी तरह से अगले वित्तीय वर्ष में व्यय का पहले अनुमान 4,647 करोड़ रुपये था। अंतिम बजट में यह अनुमान 4,652 करोड़ रुपये किया गया है। आयुक्त की तरफ से नौ दिसंबर को बजट पेश किया गया था। इसमें शिक्षा उपकर, सुधार कर और आजीविका व्यावसायिक कर के रूप में जो तीन नए कर का प्रस्ताव किया था। इससे 50 करोड़ रुपये का राजस्व होने का अनुमान था। इसके बाद विभिन्न समितियों और वार्ड समितियों में इस पर चर्चा हुई। स्थायी समिति में विचार के बाद 18 जनवरी को पूर्वी निगम का बजट प्रस्तुत किया गया। इसमें कर हटा लिए गए। इस बजट पर नेता विपक्ष मनोज त्यागी ने सदन में चर्चा की शुरुआत की। चर्चा में आए सुझावों को समाहित करते हुए यह अंतिम बजट पेश किया गया है। हालांकि, विपक्ष के एक भी संशोधन को स्वीकार नहीं किया गया है। जबकि सत्ता पक्ष के पार्षदों के सुझावों को इसमें शामिल किया गया है।

प्रवेश शर्मा ने कहा कि आर्थिक संकटों के बावजूद हमने कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें घर-घर से कूड़ा उठाना, प्रदूषण रहित वातावरण तैयार करना, कूड़े को स्त्रोत पर ही पृथक करना, खुले में शौच मुक्त करना, गाजीपुर लैंडफिल साइट की ऊंचाई कम करना आदि प्रमुख हैं। ---

कार्रवाई के लिए बुक मकानों को मिलेगी राहत

पूर्वी निगम में कई संपत्तियों को कार्रवाई के लिए बुक किया जा चुका है। इस बजट में नेता सदन ने उन्हें राहत देने का एलान किया है। उन्होंने बताया कि पूर्वी निगम में 90 फीसद मकानों में अनाधिकृत निर्माण किया गया है। इनमें हजारों की संख्या में मकान कार्रवाई के लिए बुक हैं। अब निगम इन संपत्तियों से शुल्क या जुर्माना लेकर उन्हें कार्रवाई के दायरे से बाहर करेगा। इसके साथ केंद्र सरकार की योजना के अनुसार पूर्वी निगम में नियमित होने वाली सभी रिहायशी संपत्तियों को भी संपत्ति कर में राहत दी जाएगी। आवासीय संपत्तियों के मालिक केवल दो वर्ष तथा व्यवसायिक संपत्तियों के मालिक तीन साल संपत्ति कर एकमुश्त भुगतान करने बकाये से मुक्ति पा सकते हैं। इसके साथ उन्होंने कर्मचारियों को नियमित करने की बात भी बजट में कही है।

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