डिस्पोजेबल मास्क के प्रयोग से बचें : डॉक्टर नदीम
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए इन दिनों हर शख्स मास्क का इस्तेमाल कर रहा है। चाहे वह कपड़े वाले मास्क हों या फिर सर्जिकल मास्क। लोगों दोनों तरह के मास्क का ही प्रयोग कर रहे हैं लेकिन सर्जिकल मास्क में शामिल डिस्पोजल मास्क का प्रयोग लोगों को दोबारा नहीं करना चाहिए। एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर नदीम हुसैन ने बताया कि डिस्पोजल मास्क का दोबारा इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है। लोग इसके स्थान पर चाहे तो कपड़े वाला मास्क भी प्रयोग कर सकते हैं लेकिन उसे भी रोजाना गर्म पानी में अच्छे से धोना जरूरी होगा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण से बचने के लिए इन दिनों हर शख्स मास्क का इस्तेमाल कर रहा है। चाहे वह कपड़े वाले मास्क हों या फिर सर्जिकल मास्क। लोगों दोनों तरह के मास्क का ही प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन सर्जिकल मास्क में शामिल डिस्पोजेबल मास्क का प्रयोग लोगों को दोबारा नहीं करना चाहिए। एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर नदीम हुसैन ने बताया कि डिस्पोजेबल मास्क का दोबारा इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है। लोग इसके स्थान पर चाहें तो कपड़े वाला मास्क भी प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन उसे भी रोजाना गर्म पानी में अच्छे से धोना जरूरी है। वहीं, प्रदूषण और कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग थ्री लेयर वाला मास्क या एन-95 मास्क का प्रयोग कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि लोग घर से निकलते वक्त कई बार मास्क का प्रयोग नहीं करते हैं। हर व्यक्ति को इन दिनों संक्रमण से बचने के लिए मास्क जरूर पहनना चाहिए, जो उनकी रक्षा करेगा। डॉक्टर नदीम हुसैन ने बताया कि कुछ मरीज कोरोना संक्रमित होने के बाद अवसाद के शिकार हो रहे हैं, जो गलत है। ऐसे में घर में उपचार करा रहे लोगों को अपने आप को व्यस्त रखना चाहिए। उन्हें फोन पर प्रेरणा देने वाली वीडियो और प्रेरणा देने वाले लोगों से बात करते रहना चाहिए, जिससे उन्हें बीमारी से लड़ने में आसानी होगी। वहीं, अवसाद का मुख्य कारण खाना भी है, लोगों को इन दिनों अधिक से अधिक ताजे भोजन का सेवन करना चाहिए, जो पूरी तरह से घर पर बना हो। उन्होंने कहा कि लोगों को जंक फूड खाने से भी बचना चाहिए। वहीं, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन सी की दवा की जगह नींबू और आंवला का अधिक से अधिक प्रयोग बढ़ाना चाहिए। इससे उन्हें दवा से अधिक विटामिन मिलेगा, जो शरीर को बीमारी से लड़ने में मदद करेगा।