यमुना बायो डायवर्सिटी पार्क में हिमालय व यूरोप के परिंदों ने डाला डेरा

वैज्ञानिक डॉ. फैयाज ए खुदसर ने बताया कि इस बार पक्षियों की संख्या कम है। तापमान में उतार-चढ़ाव की वजह से ऐसा हुआ है। दिल्ली में मानसून जल्द चला गया जिसका कारण सर्दी आने में भी थोड़ा वक्त लगा। इसका असर प्रवासी पक्षियों के आगमन पर पड़ा है।

By Edited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 10:41 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 12:35 PM (IST)
यमुना बायो डायवर्सिटी पार्क में हिमालय व यूरोप के परिंदों ने डाला डेरा
मौसम में उतार-चढ़ाव की वजह से इस बार पक्षियों की संख्या कम

नई दिल्ली [शिप्रा सुमन]। कोरोना काल के बीच गुलाबी ठंड के मौसम में विदेशी पक्षियों का दिल्ली आगमन शुरू हो गया है। अलग-अलग देशों से आने वाले इन पक्षियों का यह जमावड़ा समय से पहले ही दिखने लगा है। वजीराबाद के पास के गांव जगतपुर स्थित यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में भी इन पक्षियों की चहचहाहट को सुना जा सकता है। यहां के इंचार्ज और वैज्ञानिक डॉ. फैयाज ए खुदसर ने बताया कि इस बार पक्षियों की संख्या कम है। तापमान में उतार-चढ़ाव की वजह से ऐसा हुआ है। दिल्ली में मानसून जल्द चला गया, जिसका कारण सर्दी आने में भी थोड़ा वक्त लगा। इसका असर प्रवासी पक्षियों के आगमन पर पड़ा है।

पिछले वर्ष की तुलना उनकी संख्या कम है। हालांकि ऐसी उम्मीद है कि 15 नवंबर तक स्थिति बेहतर होगी और इनकी संख्या में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सबसे सुंदर परिंदों में शुमार साइबेरियन पक्षी लालसर का भी जल्द आगमन होगा। नवंबर के दूसरे हफ्ते में इनके आने की संभावना है।

ध्वनि प्रदूषण कम होने से बढ़ी सक्रियता

डॉ. फैयाज ने बताया कि कोरोना का प्रभाव हर पक्षी पर उनके देश के हिसाब से पड़ा है। अलग-अलग देशों में जिस प्रकार कोरोना और लॉकडाउन हुआ उससे वे प्रभावित हुए। इसी प्रकार दिल्ली के स्थानीय पक्षियों पर भी इसका असर देखा गया है। इनमें पर्पल सनबर्ड, मैना, ग्रीन पीजन (हरियल), बुलबुल व दर्जन चिड़िया शामिल हैं। लॉकडाउन के दौरान इन पक्षियों की संख्या काफी बढ़ी है। उन्होंने बताया कि पक्षियों का पूरा जीवन उनकी बोली पर ही निर्भर होता है। वे आपस में संवाद करके ही सारे काम करते हैं। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान वाहन नहीं चलने से ध्वनि प्रदूषण कम हुआ तो उनकी सक्रियता बढ़ गई। वाहनों के शोर के बीच वे एक-दूसरे तक अपनी आवाज नहीं पहुंचा पाते। लॉकडाउन के दौरान कई ऐसे पक्षियों को भी देखा गया, जिन्हें लोगों ने पहले कभी नहीं देखा था। डॉ. फैयाज के अनुसार इस दौरान वातावरण में अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ और उसका असर घोसले बनाने की प्रक्रिया से लेकर उनके प्रजनन और अंडे पर भी पड़ा।

दिल्ली में आने वाले प्रवासी पक्षी

दिल्ली के यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में चीन से आने वाली ग्रेट कारमोरेंट, यूरोप से आने वाले टफटेड डक, नादर्न शावलर, गैडवॉल, पीनटेल का आगमन हो चुका है, वहीं हिमालय के पहाड़ों से आने वाले पक्षियों में रेड ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर, एपिकल फ्लाईकैचर, ग्रे हेडेड फ्लाईकैचर जैसे परिंदों का भी आगमन हो चुका है। यूरोप, साइबेरिया व मध्य एशिया से अधिक पक्षी आते हैं।

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