दिल्ली सरकार के पास कर्मचारियों को सैलरी न दे पाने का संकट, मांगी केंद्र से आर्थिक मदद

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर 5000 करोड़ रुपये देने की मांग की है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 01:22 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 01:37 PM (IST)
दिल्ली सरकार के पास कर्मचारियों को सैलरी न दे पाने का संकट, मांगी केंद्र से आर्थिक मदद
दिल्ली सरकार के पास कर्मचारियों को सैलरी न दे पाने का संकट, मांगी केंद्र से आर्थिक मदद

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। इसकी जानकारी देते हुए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि उनकी सरकार ने केंद्र से पांच हजार रुपये मांगी है। सिसोदिया ने रविवार को डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि दिल्ली सरकार को केवल सैलरी और साधारण खर्च के लिए हर महीने 3500 करोड़ रुपये चाहिए। सरकार के सामने संकट है कि अपने कर्मचारियों की सैलरी कैसे दें। इसलिए राज्य सरकार ने केंद्र से 5,000 करोड़ रुपये की मांग की है। दिल्ली सरकार को 7 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है।

दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली को आपदा प्रबंधन का पैसा भी नहीं मिला है। केंद्रीय वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखी है ताकि डॉक्टर, टीचर, इंजीनियर और उन सभी लोगों को जो इस संकट में काम कर रहे हैं तनख्वाह दे सकें। पिछले दो महीने में टैक्स कलेक्शन हर महीने 500 करोड़ रहा है। अन्य स्रोत से 1735 करोड़ आए हैं जबकि 2 महीने के अंदर 7000 करोड़ रुपये की जरूरत है।

सीएम केजरीवाल ने केंद्र सरकार से मदद की अपील की

वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संकट की घड़ी में दिल्ली के लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार से अपील की है। ट्वीट कर केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार से निवेदन है कि आपदा की इस घड़ी में दिल्ली के लोगों की मदद करें।

इससे पहले दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर बताया कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से दिल्ली सरकार का टैक्स कलेक्शन करीब 85 फीसद नीचे चल रहा है। केंद्र की ओर से बाकी राज्यों को जारी आपदा राहत कोष से भी कोई राशि दिल्ली को नहीं मिली है।

बता दें कि राज्य की वित्तीय हालत सही करने के लिए दिल्ली सरकार ने अभी हाल में ही शराब के सभी ब्रांडों के अधिकतम मूुल्य पर 70 फीसद कोरोना टैक्स लगाया है। हालांकि इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिकाएं डाली गई हैं। इस मामले पर कोर्ट राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। 

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