निजी अस्पतालों पर लगाम लगाए दिल्ली सरकार : कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि जिस तरह से कोरोना के इलाज के नाम पर निजी अस्पताल लोगों को लूटने में लगे हैं उस पर लगाम लगाए। प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों से 5 से 10 लाख रुपए तक वसूले जा रहे हैं। जबकि कोरोना जांच शुल्क 4500 रुपये है और उसके बाद मरीज को केवल आइसोलेशन में रखा जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 01:02 AM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 01:02 AM (IST)
निजी अस्पतालों पर लगाम लगाए दिल्ली सरकार : कांग्रेस
निजी अस्पतालों पर लगाम लगाए दिल्ली सरकार : कांग्रेस

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि जिस तरह से कोरोना के इलाज के नाम पर निजी अस्पताल लोगों को लूटने में लगे हैं, उस पर लगाम लगाए। प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि निजी अस्पतालों की ओर से कोरोना संक्रमित मरीजों से 5 से 10 लाख रुपये तक वसूले जा रहे हैं, जबकि कोरोना जांच शुल्क 4500 रुपये है और उसके बाद मरीज को केवल आइसोलेशन में रखा जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल से अपील की कि दुख की इस घड़ी में निजी अस्पतालों पर लगाम लगाए। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल कोविड-19 पर अपनी सरकार की असफलताओं को छिपाने के लिए झूठ का सहारा लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

कोरोना की मुफ्त जांच व उपचार की मांग

उधर, आदर्श नगर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हरीकिशन जिदल और पटपड़गंज जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार एडवाकेट ने एक वीडियो जारी कर केजरीवाल व उपराज्यपाल अनिल बैजल से मांग की है कि दिल्ली वासियों के लिए कोरोना जांच व उपचार दोनों मुफ्त उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के 38 अस्पतालों में से सिर्फ तीन-चार को ही कोरोना के उपचार के लिए खोला गया है, बाकी अस्पतालों में भी इस महामारी का उपचार तुरंत चालू किया जाना चाहिए। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का आरोप है कि कोरोना संक्रमितों को समय पर इलाज नहीं मिल रहा है। लोग इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की जांच भी नहीं हो पा रही है।

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