प्रदूषण को बढ़ाने में वाहनों का अधिक योगदान : प्रो. योगेश सिंह
जागरण संवाददाता बाहरी दिल्ली प्रदूषण को लेकर दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) की ट
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली :
प्रदूषण को लेकर दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) की टीम ने गहन शोध किया है। डीटीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने मार्च से मई के बीच चार चरणों में लॉकडाउन किया था। इस दौरान डीटीयू की विशेष टीम ने सड़क किनारे प्रदूषण को लेकर विशेष अध्ययन किया। उन्होंने बताया कि इस शोध में साबित हुआ है कि प्रदूषण के मामले में मानव शरीर पर अधिक बुरा प्रभाव डालने वाले नैनो कणों के उत्सर्जन में वाहनों का अधिक योगदान है। उनके अनुसार डीटीयू के एनवायरनमेंटल इंजीनियरिग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजीव कुमार मिश्रा ने अपनी टीम के साथ लॉकडाउन के दूसरे चरण से लेकर अंतिम चरण तक अध्ययन किया। इस अध्ययन के दौरान यूएफपी यानी अल्ट्राफाइन पार्टिकुलेट मैटर (100 नैनोमीटर से कम व्यास के कण) और यूएफपी से अधिक को लेकर वायु गुणवत्ता पर लॉकडाउन के प्रभाव का निरीक्षण किया गया। डॉ. राजीव कुमार मिश्रा के अनुसार छोटे कणों के संदर्भ में यह निष्कर्ष निकला है कि वाहनों के उत्सर्जन के साथ ही प्राकृतिक उत्सर्जन का भी कम प्रदूषित शहरी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान है, परंतु अत्यधिक प्रदूषित शहरी क्षेत्रों में आमतौर पर ऐसी स्थितियां नहीं देखी जाती हैं, जबकि लॉकडाउन के अंतिम चरण में शहरी क्षेत्र में संचय मोड अधिक नजर आया और 30 नैनोमीटर से 100 एनएम व्यास वाले कणों के उत्सर्जन और संचय मोड में यातायात वाहनों द्वारा उत्सर्जन को महत्वपूर्ण स्त्रोतों के रूप में पाया गया।