टल सकती है 21 हजार फ्लैटों वाली डीडीए की नई योजना, जानें- क्या है बड़ा कारण

डीडीए पहले ही कह चुका कि नई आवासीय योजना में पुरानी योजनाओं के लौटाए गए फ्लैट शामिल नहीं किए जाएंगे। जबकि ऐसे फ्लैटों की संख्या 7,870 के लगभग पहुंच चुकी है।

By Edited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 09:40 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 07:56 AM (IST)
टल सकती है 21 हजार फ्लैटों वाली डीडीए की नई योजना, जानें- क्या है बड़ा कारण
टल सकती है 21 हजार फ्लैटों वाली डीडीए की नई योजना, जानें- क्या है बड़ा कारण

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। 21 हजार फ्लैटों वाली दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की नई आवासीय योजना के इस साल आने की संभावना कम ही लग रही है। पुरानी योजनाओं के वापस होते रहे फ्लैटों ने नई योजना को भी ग्रहण लगा दिया है। डीडीए के आला अधिकारियों ने भी इस विषय पर चुप्पी साध ली है। डीडीए की नई आवासीय योजना जून 2018 में लांच होनी थी, लेकिन अब यह योजना कब आ पाएगी, इसका जवाब किसी के भी पास नहीं है। यह स्थिति तब है जब इस योजना के सभी फ्लैट बनकर तैयार हो चुके हैं। केवल उनमें जल कनेक्शन जोड़ा जाना है।

छोटे आकार की वजह से हुई परेशानी 
दरअसल, डीडीए पहले ही कह चुका कि नई आवासीय योजना में पुरानी योजनाओं के लौटाए गए फ्लैट शामिल नहीं किए जाएंगे। जबकि ऐसे फ्लैटों की संख्या 7,870 के लगभग पहुंच चुकी है। रोहिणी, नरेला और सिरसपुर में बने डीडीए के यही एलआइजी फ्लैट समस्या की मुख्य जड़ हैं। इनका आकार छोटा होने के कारण इन्हें कोई लेना नहीं चाह रहा।

ओपन स्कीम लाने की तैयारी 
सूत्र बताते हैं कि डीडीए इन फ्लैटों का साइज बड़ा करने और इन्हें बेचने के लिए ओपन स्कीम भी लाने की तैयारी कर रहा है। बोर्ड की बैठक में इस बार इस आशय का प्रस्ताव भी रखे जाने की संभावना है। डीडीए का मानना है कि इन फ्लैटों के बिके बिना अगली आवासीय योजना लांच कर दी गई तो इनका बिकना और भी मुश्किल होगा।समस्या यह भी है कि इन फ्लैटों को बने हुए करीब पांच साल हो गए हैं। ऐसे में इनके रखरखाव और सुरक्षा पर भी डीडीए को काफी खर्च करना पड़ रहा है।

पुराने फ्लैटों को बेचने का प्रयास
मालूम हो कि 2017 से पहले 2014 में भी आवंटी ऐसे फ्लैट लौटा चुके हैं। इसलिए नई आवासीय योजना में भी इनके बिकने की उम्मीद डीडीए को नहीं है। डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुराने फ्लैटों को बेचने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। इनके बिके बिना नए फ्लैटों की योजना लाने का मतलब इनका फंस जाना ही होगा।

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