एंडोस्कोप से हो सकेगा मधुमेह व मोटापे का इलाज

मोटापे व मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए राहत भरी खबर है। आने वाले दिनों में एंडोस्कोप के जरिये मधुमेह का स्थायी इलाज किया जा सकेगा। इस दिशा में कुछ देशों में शोध चल रहा है, जिसमें सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। इसके अलावा एंडोस्कोप की मदद से सर्जरी के बगैर लोगों को मोटापे से छ़ुटकारा मिल सकेगा। मोटापो से पीड़ित लोगों को अपना वजन कम करने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। चीर फाड़ के बिना ही एंडोस्कोप की मदद से पेट को छोटा कर मोटापे का इलाज बीएलके सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में शुरू हो गया है। इस अस्पताल द्वारा आयोजित एक चिकित्सकीय सम्मेलन में यह बात सामने आई। डॉक्टर कहते हैं कि आने वाले समय में एंडोस्कोपी तकनीक मधुमेह व मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए वरदान साबित होगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 08:09 PM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 08:09 PM (IST)
एंडोस्कोप से हो सकेगा मधुमेह व मोटापे का इलाज
एंडोस्कोप से हो सकेगा मधुमेह व मोटापे का इलाज

रणविजय ¨सह, नई दिल्ली

मोटापे व मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए राहत भरी खबर है। आने वाले दिनों में एंडोस्कोप के जरिये मधुमेह का स्थायी इलाज किया जा सकेगा। इस दिशा में कुछ देशों में शोध चल रहा है, जिसमें सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। इसके अलावा एंडोस्कोप की मदद से सर्जरी के बगैर लोगों को मोटापे से छ़ुटकारा मिल सकेगा। लोगों को अपना वजन कम करने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। चीरफाड़ के बिना ही एंडोस्कोप की मदद से पेट को छोटा कर मोटापे का इलाज बीएलके सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में शुरू हो गया है। अस्पताल द्वारा आयोजित एक चिकित्सकीय सम्मेलन में यह बात सामने आई।

डॉक्टर कहते हैं कि आने वाले समय में एंडोस्कोपी तकनीक मधुमेह व मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए वरदान साबित होगी। मौजूदा समय में करीब सात करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। पिछले साल एक अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक वर्ष 2030 तक भारत में मधुमेह पीड़ितों की संख्या 9.8 करोड़ पहुंच जाएगी। इसी तरह मोटापा भी बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनकर उभर रहा है। मधुमेह व मोटापा कई घातक बीमारियों का कारण बन रहा है। मधुमेह पीड़ितों को अपना शुगर नियंत्रित करने के लिए ताउम्र दवाएं या इंसुलिन का इंजेक्शन लेना पड़ता है। बीएलके अस्पताल के गैस्ट्रोलॉजी विभाग के डॉ. मानव वधावन ने बताया कि अमेरिका व यूरोप में हुए शोध में यह पाया गया है कि आंतों की लाइ¨नग में खराबी आने के कारण कुछ ऐसी चीज निकलती हैं, जिसके कारण मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं, जिससे एंडोस्कोप की मदद से आंतों की लाइ¨नग में बदलाव कर उसे ठीक किया जा सकता है। इस ट्रायल के शुरुआती परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोटापे से पीड़ित लोगों का वजन कम करने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी की जाती है। इसमें डॉक्टर ऑपरेशन कर पेट (अमाशय) का 75 फीसद हिस्सा बंद कर देते हैं। सिर्फ 25 फीसद हिस्सा खुला रह जाता है। इसलिए भूख कम हो जाती है और वजन घटने लगता है। उन्होंने कहा कि मोटापा कम करने के लिए एंडोस्कोप की मदद से इस प्रोसीजर की सुविधा शुरू कर दी गई है। अब चार मरीजों का प्रोसीजर हो चुका है। मुंह के रास्ते एंडोस्कोप डालकर पेट के 75 फीसद हिस्से को टांके लगाकर बंद कर दिया जाता है। मरीज की कोई सर्जरी करने की जरूरत नहीं पड़ती और जोखिम भी नहीं है। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह सुविधा देश के तीन-चार संस्थानों में ही उपलब्ध है। एंडोस्कोप से मधुमेह का जल्द शुरू होगा इलाज

उन्होंने कहा कि अभी देश में एंडोस्कोप की मदद से मधुमेह का इलाज शुरू नहीं किया गया है। सम्मेलन में विदेशों से आए डॉक्टरों ने एंडोस्कोप से मधुमेह के इलाज की तकनीक को प्रदर्शित किया है। विदेशों में ट्रायल पूरा होने के बाद यहां भी इस तकनीक से मधुमेह का इलाज शुरू किया जाएगा। इससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

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