जब तक शरीर में जान है, प्रदूषण कम करने को करता रहूंगा काम : भूरेलाल
-ईपीसीए भंग करने पर थोड़ा भावुक हुए पर केंद्र सरकार के निर्णय का किया स्वागत संजीव गुप्ता
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली
पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) अध्यक्ष भूरेलाल ने स्वयं को प्रदूषण से जंग में समíपत सिपाही बताया है। बृहस्पतिवार को जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि ईपीसीए भले न रहे, लेकिन जब तक शरीर में जान है, प्रदूषण कम करने को काम करता रहूंगा।
केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों के प्रदूषण की रोकथाम के लिए 20 सदस्यीय नया आयोग बनाने की घोषणा के साथ-साथ ईपीसीए को भंग करने का आदेश भी जारी कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट और सरकार के इस साझा निर्णय से भूरेलाल थोड़ा भावुक भी नजर आए। हालाकि उन्होंने अध्यादेश का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि एक शक्तिशाली टीम प्रदूषण की समस्या को प्रभावी ढंग से खत्म कर सकेगी।
भूरेलाल ने यह भी कहा कि अब वे ईपीसीए अध्यक्ष नहीं हैं, लेकिन प्रदूषण खत्म करने के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि आज भी लोगों को जागरूक करने की बहुत जरूरत है। जन जागरूकता के अभाव में ही यह समस्या अभी तक बनी हुई है। अगर और कोई जिम्मेदारी नहीं मिली तो वह जनता को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए ही अपना शेष जीवन समíपत कर देंगे। हॉट स्पॉट पर रखनी होगी कड़ी नजर
भूरेलाल ने राजधानी में वायु प्रदूषण रोकने के लिए अब तक किए गए काम पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर को बृहस्पतिवार शाम एक पत्र भी लिखा। इस पत्र में उन्होंने बताया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण रोकने के लिए ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) को इमरजेंसी एक्शन प्लान के रूप में लाया गया व इसे लगातार तीन वर्ष तक राजधानी में लागू किया गया। यह चौथा साल है। ईपीसीए की रिपोर्ट के आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट ने रिजनल रैपिड ट्राजिट सिस्टम (आरआरटीएस) बनाने का आदेश दिया, जिसे लागू किया जा रहा है। दिल्ली मेट्रो के फेज चार के निर्माण को भी तेजी से लागू किया जा सका है। ईपीसीए की रिपोर्ट के आधार पर ही गाड़ियों से निकलने वाले धूलकण को रिमोट सेंसिंग से निर्धारित करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया। राजधानी की बसों में हाइड्रोजन सीएनजी फ्यूल का प्रयोग भी शुरू किया गया है। बदरपुर थर्मल पावर प्लाट को बंद किया गया है।
भूरेलाल ने अपने पत्र में लिखा है कि अब एयर क्वालिटी कमीशन का गठन किया गया है। इस कमीशन को राजधानी में बसों की संख्या बढ़ानी होगी, क्योंकि राजधानी में अभी केवल 5,279 बसें हैं, जो पर्याप्त नहीं हैं। दिल्ली के सभी हॉट स्पॉट पर भी कड़ी नजर रखनी होगी, बायोमेडिकल कचरे का त्वरित निष्पादन करना होगा, कचरा जलाने पर रोक लगानी होगी व नई पार्किग पॉलिसी को भी लागू करना होगा।