ताहिर हुसैन के भाई समेत चार की जमानत अर्जी खारिज

दिल्ली दंगे के छह मामलों में बृहस्पतिवार को कोर्ट ने मुख्य आरोपित एवं आप के निष्कासित पार्षद ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम समेत तीन आरोपितों की जमानत अर्जी और एक आरोपित की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 10:11 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 10:11 PM (IST)
ताहिर हुसैन के भाई समेत चार की जमानत अर्जी खारिज
ताहिर हुसैन के भाई समेत चार की जमानत अर्जी खारिज

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :

दिल्ली दंगे के छह मामलों में बृहस्पतिवार को कोर्ट ने मुख्य आरोपित एवं आप के निष्कासित पार्षद ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम समेत तीन आरोपितों की जमानत अर्जी और एक आरोपित की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।

दंगे के मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन का छोटा भाई शाह आलम चांद बाग पुलिया के पास हुई हिसा के मामले में आरोपित है। इसकी जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान उपरोक्त कोर्ट में आरोपित के वकील ने पक्ष रखा कि शाह आलम को गलत फंसाया जा रहा है। उसका नाम एफआइआर में नहीं है। उसकी शिनाख्त भी नहीं कराई गई है। कोर्ट को यह भी बताया कि इस मामले के अन्य आरोपित कासिम को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। अभियोजन पक्ष के वकील ने कोर्ट को बताया कि आरोपित का बड़ा भाई ताहिर हुसैन दंगे का मुख्य आरोपित है। दंगे की साजिश की जड़ें काफी गहरी हैं। दो बीट कांस्टेबलों ने आरोपित की पहचान की है। दोनों ओर की दलील सुनने के बाद अदालत ने शाह आलम की जमानत अर्जी खारिज की दी।

दंगे के दौरान आइबी कर्मी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में आरोपित नंदनगरी निवासी मुन्तजिम ने कड़कड़डूमा कोर्ट में जमानत अर्जी दायर की थी। इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की कोर्ट ने वीडियो कान्फ्रेंसिग के जरिये सुनवाई की। आरोपित के वकील ने पक्ष रखा कि मुन्तजिम पर गलत आरोप लगाया गया है। सह-आरोपितों के बयान के आधार पर उसे फंसाया जा रहा है। अभियोजन पक्ष के वकील ने दलील देते हुए कोर्ट को बताया कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) से जाहिर होता है कि आरोपित उस दिन वहां सक्रिय था। सीडीआर से यह भी पता चलता है कि वह सह-आरोपित समीर खान और हसीन के लगातार संपर्क में था। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपित की जमानत अर्जी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि दंगे की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए न्यायिक पूछताछ जरूरी है।

वहीं, खजूरी खास इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी के तीन मामलों में आरोपित मोहित कुमार ने पिता की बीमारी को आधार बनाते हुए अंतरिम जमानत अर्जी दायर की थी। कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की कोर्ट ने विवेचक की रिपोर्ट के आधार पर अर्जी खारिज कर दी। विवेचक ने अपनी रिपोर्ट में कोर्ट को बताया कि आरोपित के पिता के पेट का ऑपरेशन हो चुका है। कूल्हे का ऑपरेशन होना है, लेकिन उसकी तारीख तय नहीं है। कोर्ट को यह भी बताया कि दंगे के मामले में आरोपित के दो भाई फरार हैं। खजूरी खास इलाके में दंगे के दौरान ऑटो चालक बब्बू की हत्या के मामले में आरोपित जुैबर की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी है।

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