लाल किला के रंग महल की बदलेगी सूरत, केमिकल ट्रीटमेंट का होगा प्रयोग, लगेंगे नए पत्थर

ग महल को इम्तियाज महल भी कहा जाता था। इसमें पांच मेहराब हैं। इसमें संगमरमर का काफी काम हुआ है। इसकी छत में शीशे के छोटे-छोटे टुकड़े लगे हैं।

By Edited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 08:08 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 10:10 PM (IST)
लाल किला के रंग महल की बदलेगी सूरत, केमिकल ट्रीटमेंट का होगा प्रयोग, लगेंगे नए पत्थर
लाल किला के रंग महल की बदलेगी सूरत, केमिकल ट्रीटमेंट का होगा प्रयोग, लगेंगे नए पत्थर

नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। वर्षों से उपेक्षित चल रहे रंग महल की सूरत जल्द ही बदलेगी। लाल किला के इस महत्वपूर्ण महल का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) केमिकल ट्रीटमेंट कराएगा। जल्द ही इसकी दशा सुधारने के लिए संरक्षण कार्य भी होगा। इसके संरक्षण कार्य पर करीब 15 लाख की राशि खर्च की जाएगी। साथ ही स्मारक की सतह से धूल और गंदगी को भी हटाया जाएगा।

चित्रों को संरक्षित किया जाएगा
स्मारक पर मौजूद चित्रों को केमिकल ट्रीटमेंट द्वारा संरक्षित किया जाएगा। रंग महल को इम्तियाज महल भी कहा जाता था। इसमें पांच मेहराब हैं। इसमें संगमरमर का काफी काम हुआ है। इसकी छत में शीशे के छोटे-छोटे टुकड़े लगे हैं। छत व दीवारों पर फूलों व पत्तियों की चित्रकारी है।

नए पत्थर लगाए जाएंगे
वर्तमान में रंग महल में कई जगह पत्थर की जालियां टूट गई हैं। प्लास्टर दीवारों से झड़ रहा है। फर्श व दीवारों को कबूतरों आदि पक्षियों ने खराब कर रखा है। इसे साफ किया जाएगा। इसके अलावा संरक्षण का कार्य भी कराया जाएगा, जिसमें जगह-जगह से टूट चुके पत्थर को हटाकर नए पत्थर लगाए जाएंगे।

हर साल आते हैं करीब 29 लाख पर्यटक 
रंग महल के निकट खास महल और दीवान-ए-खास है। खास महल में कुछ माह पहले केमिकल ट्रीटमेंट का काम पूरा हुआ है। दीवान-ए- खास में बादशाह अपने खास लोगों के साथ मंत्रणा करते थे। इसके संरक्षण का कार्य पूरा हो चुका है। छज्जों के पत्थर बदले गए हैं। इसमें भी केमिकल ट्रीटमेंट का काम कुछ माह पहले पूरा हुआ है। लाल किला में प्रति साल करीब 29 लाख पर्यटक आते हैं। जिनसे टिकट और पार्किंग शुल्क के माध्यम से करीब 20 करोड़ रुपये की वार्षिक आय होती है।

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