फर्जी रोजगार वीजा पर 17 लोगों को भेजा था दुबई

आइजीआइ जिला पुलिस ने मोटी रकम लेकर बेरोजगार लोगों को फर्जी रोजगार वीजा पर विदेश भेजने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने फर्जी वीजा रैकेट गिरोह के दो एजेंट को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश (यूपी) कुशी नगर निवासी जावेद अली और

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 07:58 PM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 07:58 PM (IST)
फर्जी रोजगार वीजा पर 17 लोगों को भेजा था दुबई
फर्जी रोजगार वीजा पर 17 लोगों को भेजा था दुबई

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : बेरोजगार युवकों से मोटी रकम लेकर उन्हें फर्जी रोजगार वीजा पर विदेश भेजने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने फर्जी वीजा रैकेट गिरोह के दो एजेंटों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान उत्तर प्रदेश के कुशीनगर निवासी जावेद अली और दिल्ली के मौजपुर निवासी मनोज कुमार शर्मा के रूप में हुई है। एक आरोपित फरार है, उसकी तलाश में दबिश दी जा रही है।

आरोपित दुबई में नौकरी के लिए इच्छुक युवकों को रोजगार वीजा दिलाने का झांसा देकर उनसे एक लाख रुपये ठग लेते थे। दुबई जाने पर फर्जी दस्तावेज होने पर स्थानीय एजेंसियां युवकों को दबोचकर भारत भेज देती थीं। एजेंटों की गिरफ्तारी से पुलिस ने फर्जी वीजा के 17 मामले सुलझा लिए हैं।

आइजीआइ एयरपोर्ट के पुलिस उपायुक्त संजय भाटिया ने बताया कि वर्ष 2017 में फर्जी रोजगार वीजा पर 17 लोगों को दुबई भेजे जाने के मामले सामने आए थे। दुबई से यात्रियों को वापस भेजे जाने पर इमीग्रेशन विभाग ने वीजा की यूएई दूतावास में जांच कराई तो वहां इस संबंध में दस्तावेज नहीं मिले। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की। पूछताछ में यात्रियों ने बताया कि उन्होंने कुशीनगर के जावेद अली से रोजगार वीजा बनवाया था। इसके लिए उसने एक-एक लाख रुपये लिए थे। वह उत्तर प्रदेश के शहरों में प्रचार कर आसानी से वीजा दिलाने का दावा करता था। बेरोजगार युवक विदेश में नौकरी पाने के लालच में उसके जाल में फंस जाते थे। दुबई में पकड़े जाने पर उनके रुपये बर्बाद होते ही थे, वहीं उन्हें कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ता था।

फर्जीवाड़े में जावेद की संलिप्तता सामने आने पर आइजीआइ एयरपोर्ट एसएचओ कृष्ण कुमार की टीम 17 अप्रैल को कुशीनगर भेजी गई। वहां से जावेद को धर दबोचा गया। आरोपित ने बताया कि वह मनोज कुमार शर्मा और प्रिस यादव के साथ मिलकर फर्जी वीजा रैकेट चला रहा था। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने मनोज कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने स्वीकार किया कि उन्होंने 17 युवकों को फर्जी रोजगार वीजा पर दुबई भेजा था। पुलिस अब फरार एजेंट की तलाश कर रही है।

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