साढ़े दस करोड़ की ठगी में आरोपित गिरफ्तार

पत्नी के साथ मिलकर ठगी करने के मामले में कंपनी के निदेशक को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान वसंत विहार निवासी जयंत कुमार जैन के रूप में हुई है। आरोपित वाणिज्य में स्नातक है और चावल और चाय का निर्यातक है। आरोपित पर कंपनी के फर्जी बोर्ड रेजोल्यूशन के जरिय खाता खुलवाकर साढ़े दस करोड़ रुपये की ठगी की थी। संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा ने बताया कि एडिशनल डीसीपी के. रमेश के निर्देशन में एसीपी अमरदीप सहगल के नेतृत्व में इंस्पेक्टर रजनीश कुमार और एएसआइ जयपाल सिंह की टीम ने दो जुलाई को गिरफ्तार किया है। ठगी के मामले में मार्च 2019 को मामला दर्ज किया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 10:01 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 10:01 PM (IST)
साढ़े दस करोड़ की ठगी में आरोपित गिरफ्तार
साढ़े दस करोड़ की ठगी में आरोपित गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

पत्नी के साथ मिलकर ठगी करने के आरोप में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने वसंत विहार निवासी जयंत कुमार जैन को गिरफ्तार किया है। जयंत कुमार जैन के खिलाफ वीरप्रभु प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में एलएमजे प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड) के सुरेश कुमार जैन ने आरोप लगाया कि आरोपित ने कंपनी के फर्जी बोर्ड रिजोल्यूशन के जरिये खाता खुलवाकर 10.50 करोड़ रुपये की ठगी की थी।

दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा ने बताया कि ठगी का मामला मार्च 2019 में दर्ज किया गया था। इसी मामले में कार्रवाई करते हुए एडिशनल डीसीपी के रमेश के निर्देशन में एसीपी अमरदीप सहगल के नेतृत्व में इंस्पेक्टर रजनीश कुमार और एएसआइ जयपाल सिंह की टीम ने दो जयंत कुमार जैन को गिरफ्तार किया है।

संयुक्त आयुक्त ने बताया कि शिकायत में सुरेश कुमार जैन ने आरोप लगाया है कि जयंत कुमार जैन, मैसर्स एलएमजे प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक है। उसने अन्य निदेशकों के साथ मिलकर शिकायतकर्ता कंपनी के नाम से दिल्ली में एचडीएफसी बैंक में एक नया खाता खोला। इसके अलावा एक कर्मचारी को निदेशक बनाकर कंपनी की दो संपत्तियों की सेल डीड के लिए आरोपित की पत्नी एकता जैन के नाम करने के लिए अधिकृत कर दिया और हनुमान रोड पर प्रापर्टी नंबर-9 के लिए 10 करोड़ 50 लाख रुपये का भुगतान एकता जैन ने अपने खाते से मैसर्स एलएमजे प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नए खुले खाते में किया, यह धनराशि एकता ने समूह की अन्य कंपनियों के खातों से प्राप्त की थी। इसके बाद आरोपितों इस धनराशि को अपने खातों में डाल लिया। शिकायतकर्ता कंपनी के जिस खाते में 10 करोड़ 50 लाख रुपये जमा कराए गए थे, वह खाता फर्जी बोर्ड रेजोल्यूशन के जरिये खोला गया था। आरोपित पर आरोप है कि सेंट्रम फाइनेंस लिमिटेड के 25 करोड़ रुपये भी इसी तरह से ठगी करने के मामले में भी शामिल रहा है।

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