IPL Bio Bubble में कोरोना ने कैसे लगाई सेंध, क्या हुई चूक? जानें- खिलाड़ियों ने क्या कहा

देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच बंद दरवाजों के पीछे आइपीएल 2021 का आयोजन हो रहा था। खिलाड़ियों को सुरक्षित रखने के लिए बायो बबल तैयार किया गया था जिसमें कोरोना ने सेंध लगा दी। चार खिलाड़ी और दो कोच संक्रमित हो गए और टूर्नामेंट स्थगित करना पड़ा।

By TaniskEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 09:45 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 09:45 AM (IST)
IPL Bio Bubble में कोरोना ने कैसे लगाई सेंध, क्या हुई चूक? जानें- खिलाड़ियों ने क्या कहा
IPL Bio Bubble में कोरोना ने कैसे लगाई सेंध।

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच बंद दरवाजों के पीछे आइपीएल 2021 का आयोजन हो रहा था। खिलाड़ियों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए बायो बबल तैयार किया गया था, जिसमें कोरोना ने सेंध लगा दी। चार खिलाड़ी और दो कोच संक्रमित हो गए और टूर्नामेंट को स्थगित करना पड़ा। इसके बाद से अब हर जगह इस बात की चर्चा है कि बबल में कोरोना कैसे पहुंचा। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने इसे लेकर टूर्नामेंट में शामिल कुछ खिलाड़ियों से बात की। उन्होंने बताया कि बबल में कोरोना की एंट्री के बाद कुछ खिलाड़ियों में डर का माहौल था। कुछ खिलाड़ियों ने बताया कि इस साल का बबल पिछले साल के मुकाबले कमजोर था। बता दें कि साल 2020 में आइपीएल का आयोजन कोरोना संक्रमण के कारण यूएई में हुआ था। 

समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार नाम न लेने की शर्त पर एक खिलाड़ी ने कहा, ' यह यूएई में उतना सुरक्षित नहीं था, जहां टूर्नामेंट के दौरान एक भी मामला सामने नहीं आया, जबकि इसके शुरू होन से पहले कुछ मामले सामने आए थे। हालांकि टीमों और बीसीसीआइ ने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन बबल यूएई इतना मजबूत नहीं था। यहां आप लोगों को आते और जाते हुए भी देख सकते थे, भले ही वे अलग-अलग मंजिलों पर हों। मैंने कुछ लोगों को पूल का भी इस्तेमाल करते देखा। अभ्यास करने की सुविधाएं भी दूर थीं।'

किसी भी खिलाड़ी या सहयोगी स्टाफ ने एसओपी का उल्लंघन नहीं किया- श्रीवत्स गोस्वामी

भारत के अंडर -19 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे श्रीवत्स गोस्वामी शुरुआत से ही आइपीएल खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भी खिलाड़ी या सहयोगी स्टाफ पर कोरोना मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के उल्लंघन का संदेह नहीं है। वह सनराइजर्स हैदराबाद का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, 'बबल के अंदर हम लोगों की अच्छी देखभाल हो रही थी। किसी भी खिलाड़ी या सपोर्ट स्टाफ ने इसका उल्लंघन नहीं किया, लेकिन एक बार वायरस के प्रवेश के बाद, हर कोई असहज हो गया था। खासकर विदेशी खिलाड़ी मुझे पता है कि मैं एक अच्छी प्रतिरोधक वाला खिलाड़ी हूं। भगवान न करें अगर मैं वायरस से संक्रमित हो गया, तो मैं ठीक हो जाऊंगा, लेकिन अगर मेरे में लक्षण नहीं दिखा और मेरे वृद्ध माता-पिता इससे संक्रमित हो गए तो क्या होगा? अधिकांश खिलाड़ी डर गए क्योंकि आप नहीं चाहते कि आपका परिवार प्रभावित हो।

विदेशी खिलाड़ी डर गए थे

गोस्वामी ने आगे कहा कि बाहर क्या हो रहा था इससे कोई बेखबर नहीं था। जब आप ऑक्सीजन की कमी और अस्पताल में बेड की कमी से मरते देखते हैं तो बुरा लगता है। विदेशी खिलाड़ी इससे डर गए थे। भारतीय खिलाड़ी उन्हें समझाते थे कि चीजें ठीक हो जाएंगी। एक अन्य खिलाड़ी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि बाहर क्या हो रहा था,उसे लेकर खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के बीच मतभेद थे। कुछ चाहते थे कि आइपीएल चले, कुछ नहीं। जब वायरस ने बबल में प्रवेश किया, तो सबमें बेचैनी थी।

बबल कमजोर नहीं था- दासगुप्ता

क्रिकेटर से कमेंटेटर बने दीप दासगुप्ता ने आइपीएल के बबल को कमजोर करार देने से इनकार कर दिया, लेकिन यह भी कहा कि दिल्ली में एक बार केस बढ़ने के बाद खुद की चिंता होने लगी थी। एक अन्य खिलाड़ी ने कहा कि टूर्नामेंट शुरू होने के बाद बबल सुरक्षित लग रहा था, लेकिन आगे बढ़ने के बाद ऐसा नहीं था।

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