अबकी बार दबाव ऑस्ट्रेलिया पर, हम पर नहीं: चहल

हाल के समय में टीम इंडिया के लिए कलाई के स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेंद्रा सिंह चहल की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया है

By Lakshya SharmaEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 07:56 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 07:56 PM (IST)
अबकी बार दबाव ऑस्ट्रेलिया पर, हम पर नहीं: चहल
अबकी बार दबाव ऑस्ट्रेलिया पर, हम पर नहीं: चहल

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। भारतीय टीम शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रवाना होगी। इस दौरान उसे तीन टी-20, चार टेस्ट और तीन वनडे खेलने हैं। टीम पहला टी-20 मुकाबला 21 नवंबर को ब्रिसबेन में खेलेगी। भारत ने ऑस्ट्रेलिया में तीन टी-20 सीरीज खेली हैं जिसमें एक जीती, एक हारी और एक ड्रॉ रही। भारत ने ऑस्ट्रेलिया में खेले कुछ छह टी-20 मुकाबलों में से चार जीते हैं। यही कारण है टीम इंडिया को इस बार सीरीज जीतने का दावेदार माना जा रहा है। 

आरोन फिंच की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने घर में दम दिखाना चाहेगी। हाल के समय में टीम इंडिया के लिए कलाई के स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेंद्रा सिंह चहल की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया है और ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदान में ये दोनों कारगर साबित हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे की तैयारियों को लेकर भारतीय टीम के स्पिनर युजवेंद्रा सिंह चहल से विशेष बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश-

ऑस्ट्रेलिया में मैदान काफी बड़े होते हैं। ऐसे में क्या वहां पर स्पिनरों को आसानी होती है। आपने क्या कोई विशेष योजना बनाई है?

मैं पहले भी ऑस्ट्रेलिया में खेल चुका हूं। मुझे वहां के मैदान और पिच का थोड़ा सा अनुमान है। कुछ आइडिया है कि विकेट कैसा बर्ताव करेगा। वहां मैदान काफी बड़े होते हैं। ऐसे में विकेट चाहे जितना फ्लैट हो गेंदबबाज को आउट करने के मौके मिल जाते हैं। फिलहाल तो वहां जाकर ही हालातों का पता चलेगा और उसके मुताबिक ही गेंदबाजी करने का प्रयास करूंगा।

क्या बड़े मैदानों में चहल-कुलदीप कांबिनेशन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर भारी पड़ेगा?

देखिए हम दोनों का कांबिनेशन अच्छा है और इसमें किसी को शक नहीं कि इस बार दबाव ऑस्ट्रेलिया पर है। वे हाल ही में दक्षिण अफ्रीकी टीम से हारे हैं। अगर मैदान बड़ा होता है और गेंद टर्न कर रही होती है तो बल्लेबाजों को खेलने में मुश्किल होती है। इस सबको देखते हुए प्लस प्वांइट हमारे पास है।

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच ने दक्षिण अफ्रीका से हार के बाद दबाव की बात को स्वीकार किया और कहा कि भारत के खिलाफ जीतने के लिए उनके बल्लेबाजों को कड़ी मेहनत करनी होगी?

अगर हम दोनों टीमों की बल्लेबाजी और गेंदबाजी देखें तो हमारा पलड़ा भारी नजर आता है। ऑस्ट्रेलिया का कोई भी खिलाड़ी बिना सोचे समझे बयान नहीं देता है। अगर उन्होंने कहा है तो कुछ सोचकर ही कहा होगा। आप देख सकते हैं कि इस बार उन पर दबाव है।

आप सफेद गेंद (सीमित ओवरों का क्रिकेट) से ही खेलते हैं। क्या लाल गेंद (टेस्ट क्रिकेट) आपका लक्ष्य नहीं है?

काफी समय हो गया लाल गेंद से खेले हुए। पिछले कुछ समय से जब रणजी मैच चल रहे होते हैं तो मैं भारत के लिए सीमित ओवरों का खेल रहा होता हूं। अभी मैं ऑस्ट्रेलिया से खेलकर वापस लौटूंगा तो हरियाणा के तीन-चार रणजी मैच खेलूंगा। ऐसा नहीं है कि मुझे लाल गेंद से नहीं खेलना है। वह भी जरूरी है।

टेस्ट क्रिकेट खेलना सभी का सपना होता है। लाल गेंद से खेलना आसान नहीं है। इसमें आपको बल्लेबाज को समझना होता है। टी-20 में पता ही होता है कि सामने वाला बल्लेबाज मारने के लिए जाएगा लेकिर लाल गेंद के मुकाबला काफी धैर्य वाला होता है। इसमें सारे क्षेत्ररक्षक ऊपर होते हैं और ध्यान लगाना होता है कि बल्लेबाजों को कैसे आउट करना है।

आपकी और कुलदीप की जोड़ी के सब जगह चर्चे हैं। इस दोस्ती का भारतीय टीम को कितना फायदा मिलता है?

हम काफी करीब हैं और और अच्छे दोस्त भी हैं। चाहे पर्सनल लाइफ हो या प्रोफेशनल हमारी बांडिंग पहले से ही अच्छी है। इसका फायदा मैदान में भी दिखाई देता है। कभी कुछ बोलना हो या बात करनी हो तो कम शब्दों में ही एक-दूसरे को समझ में आ जाती है। हम पांच-सात ओवर डालने के बाद बात करते हैं। मेरे ऊपर प्रेशर पड़ता है तो वह दूसरे छोर से डील करता है और जब उस पर प्रेशर होता है तो मैं इधर से बेहतर करने की कोशिश करत हूं।

पिछले कुछ सालों से भारतीय कप्तान का प्रदर्शन विराट रहा है। उनके जैसे कप्तान से कितनी मदद मिलती है?

सामने वाली टीम कितने भी रन बनाए वह कहते हैं, हम मैच जीतेंगे। वह सबको साथ लेकर चलते हैं। वह किसी की पर्सनल लाइफ में दखन नहीं देते हैं। वह सबकी हौसलाअफजाई करते हैं। चाहे युवा खिलाड़ी हो या अनुभवी सबके बीच सामंजस्य बनाते हैं। खराब प्रदर्शन पर युवाओं को बचाते भी हैं। यह बहुत बड़ी बात है।

कमजोर ऑस्ट्रेलिया के बारे में क्या कहेंगे? क्या उन्हें मेजबान होने का फायदा मिलेगा?

आरोन फिंच की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम अच्छा प्रदर्शन करना चाहेगी। एक चीज उनके पक्ष में है और वह यह है कि यह सीरीज उनके घर पर हो रही है। उन्हें पता है कि वहां के मैदान और विकेट कैसे हैं। वे इसे बेहतर तरीके से जानते हैं। हमें वहां जाकर परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाना होगा। यह उनका प्लस प्वांइट है।

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