WTC Final: भारत और न्यूजीलैंड की कमजोरी जो बन सकती है टीम के लिए मुश्किल
WTC Final टेस्ट क्रिकेट के विश्व कप माने जा रहे इस खिताब को जीतने में दोनों ही टीमें कोई कसर नहीं छोड़ने वाली। दोनों टीमें अपनी अपनी कमजोरी पर काम करने के बाद ही इस मुकाबले में उतरेंगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत और न्यूजीलैंड की टीमें पहली बार आयोजित आइसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेलेंगी। टेस्ट क्रिकेट के विश्व कप माने जा रहे इस खिताब को जीतने में दोनों ही टीमें कोई कसर नहीं छोड़ने वाली। दोनों टीमें अपनी अपनी कमजोरी पर काम करने के बाद ही इस मुकाबले में उतरेंगी। चलिए हम एक बार देख लेते हैं कि फाइनल मैच से पहले दोनों टीमों के अंदर कौन सी चीज है जो उसके लिए मुश्किल बन सकती है।
भारत की मजबूती-गेंदबाजी आक्रमण में विविधता-रवींद्र जडेजा और रिषभ पंत एक्स फैक्टर-पंत ने ऑस्ट्रेलिया में दिखाया कि वह एक सत्र में मैच को टीम की तरफ कर सकते हैं-रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की स्पिन जोड़ी साउथैंप्टन के गर्म माहौल में कमाल कर सकती है-दोनों गेंदबाजी के अलावा बल्लेबाजी में भी अपना अहम योगदान देते हैं।
भारत की कमजोरी-टीम ने अभ्यास मैच नहीं खेला है। उन्होंने आपस में ही मैच खेलकर अभ्यास की कोशिश की है-रोहित का भारत में प्रदर्शन शानदार रहा है लेकिन, उन्होंने इंग्लैंड में सिर्फ एक टेस्ट ही खेला है-स्विंग होती गेंदों पर उन्हें परेशानी भी होती है-गिल के पास ज्यादा अनुभव नहीं है और ऑस्ट्रेलिया की पिचों के मुकाबले इंग्लैंड की पिचें अलग हैं-कोहली के निर्णय खासतौर पर डीआरएस को लेकर उनके फैसले सही साबित नहीं होते।
न्यूजीलैंड की ताकत-टिम साउथी और ट्रेंट बोल्ट टेस्ट मैचों में बहुत ही खतरनाक गेंदबाज कहे जाते हैं-इंग्लिश हालात में ड्यूक गेंद के साथ उनकी गेंद को हिलाने की क्षमता विश्व में किसी भी बल्लेबाज के लिए खेलना चुनौती है-शांत नेतृत्वकर्ता केन विलियमसन हर टेस्ट के लिए अलग तैयारी करते हैं-टीम इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज 1-0 से जीतकर आ रही है जिससे उसे पूरा अभ्यास मिला है-डेवोन कानवे का हालिया प्रदर्शन काबिल-ए-तारीफ रहा है।
न्यूजीलैंड की कमजोरी-टीम तेज गेंदबाज नील वैगनर के प्रदर्शन को लेकर थोड़ा परेशान है-भारत की तुलना में न्यूजीलैंड के पास अच्छा स्पिन गेंदबाज नहीं है। उनकी पहली पसंद मिशेल सेंटनर होते लेकिन, वह चोटिल हैं। उनकी जगह एजाज पटेल खेलेंगे-पटेल के पास सिर्फ नौ टेस्ट मैचों का ही अनुभव है-बल्लेबाजी में ज्यादा गहराई नहीं है। अगर जल्दी विकेट गिर जाते हैं तो टीम दबाव में आ जाएगी-जडेजा और पंत की तुलना में न्यूजीलैंड के पास कोई पासा पलटने वाला खिलाड़ी नहीं है।