क्विंटन डिकाक घुटने के बल नहीं बैठे तो खफा हुआ साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड, हो सकती है बड़ी कार्रवाई

दक्षिण अफ्रीकी बोर्ड डिकाक से नाराज है और टीम प्रबंधन से बातचीत के बाद उन पर कार्रवाई हो सकती है। पिछले साल अमेरिका में अश्वेत नागरिक के पुलिस कस्टडी में मौत के बाद पूरी दुनिया में प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद ब्लैक लाइव्स मैटर्स नाम से मुहिम चल रही है।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 07:00 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:39 AM (IST)
क्विंटन डिकाक घुटने के बल नहीं बैठे तो खफा हुआ साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड, हो सकती है बड़ी कार्रवाई
साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज क्विंटन डिकाक (एपी फोटो)

अभिषेक त्रिपाठी, दुबई। क्विंटन डिकाक के घुटने के बल नहीं बैठने पर विवाद खड़ा हो गया है। अश्वेतों के समर्थन में चलने वाले अभियान ब्लैक लाइव्स मैटर्स (बीएलएम) को लेकर दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड (सीएसए) और टीम के विकेटकीपर क्विंवटन डिकाक आमने-सामने आ गए हैं। सीएसए ने मंगलवार को टी-20 विश्व कप में सभी मैच से पहले बीएलम के समर्थन में अपने खिलाडि़यों को घुटने के बल पर बैठने के दिशा-निर्देश जारी किए थे। क्विंटन ने ऐसा करने से मना कर दिया और उसके बाद सीएसए ने उन्हें अंतिम एकादश में शामिल नहीं होने दिया और वह वेस्टइंडीज के खिलाफ मुकाबले में नहीं खेल सके।

दक्षिण अफ्रीकी बोर्ड डिकाक से नाराज है और टीम प्रबंधन से बातचीत के बाद उन पर कार्रवाई हो सकती है। पिछले साल अमेरिका में अश्वेत नागरिक के पुलिस कस्टडी में मौत के बाद पूरी दुनिया में प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद ब्लैक लाइव्स मैटर्स नाम से मुहिम चल रही है। इसमें हर खेल के खिलाड़ी मैच से पहले घुटने के बल पर बैठते हैं। आइसीसी ने इसे विश्व कप के दौरान वैकल्पिक रखा है, लेकिन सीएसए ने इसे अपने खिलाडि़यों के लिए अनिवार्य कर दिया है। टी-20 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, भारत, इंग्लैंड के खिलाड़ी घुटने के बल पर बैठे दिख चुके हैं। भारत ने भी पाकिस्तान से मैच से पहले ऐसा किया था। हालांकि भारत में भी कुछ लोग टीम इंडिया की इस मामले में आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि क्या कभी टीम इंडिया ने बांग्लादेश या कश्मीर में मारे जा रहे हिंदुओं के लिए ऐसा किया है।

जहां तक डिकाक की बात है तो वह श्वेत खिलाड़ी हैं। दक्षिण अफ्रीका में भी श्वेत-अश्वेत एक बड़ा मसला है। सीएसए ने टीम में रंग के आधार पर कोटा सिस्टम लागू कर रखा है। उसकी टीम में छह खिलाड़ी गैर श्वेत होंगे। इसमें तीन अश्वेत खिलाड़ी होने चाहिए। बाकी अन्य गैर श्वेत हो सकते हैं जैसे तबरेज शम्सी और केशव महाराज। जब से दक्षिण अफ्रीकी बोर्ड ने यह नियम लागू किया है तब से श्वेत-अश्वेत खिलाड़ियों में मतभेद और बढ़ गए हैं। यही कारण है कि डिकाक ने ऐसा करने से मना कर दिया। डिकाक पिछले मैच में भी बीएलएम के समर्थन में घुटने के बल नहीं बैठे थे। पहले यह वैकल्पिक था, लेकिन मंगलवार को दक्षिण अफ्रीकी बोर्ड ने इसे अनिवार्य कर दिया। इसके बाद डिकाक और टीम प्रबंधन के बीच मतभेद बढ़ गया।

मैच के पहले दक्षिण अफ्रीकी कप्तान तेंबा बावुमा ने कहा था कि क्विंटन व्यक्तिगत कारण से नहीं खेल रहे हैं, लेकिन मैच के बाद उन्होंने सच को स्वीकारा। उन्होंने कहा कि सीएसए की तरफ से हमें आज ही अपडेट निर्देश आए थे। हम इस पर आपस में ज्यादा बात नहीं कर सके। हमें एक साथ बात करने की जरूरत है। हम इस पर आपस में बात करेंगे। टी-20 विश्व कप हमारे लिए अहम टूर्नामेंट है। निश्चित तौर पर इस विवाद से चीजें खराब होंगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या आप आइसीसी से डिकाक की जगह किसी और खिलाड़ी की मांग करेंगे तो उन्होंने कहा कि यह हमारे हाथ में नहीं है। यह सीएसए के हाथ में है। डिकाक बहुत सीनियर खिलाड़ी हैं। पूर्व कप्तान डिकाक का टी-20 में प्रदर्शन बेहद शानदार है। कमेंटेटर हर्षा भोगले ने ट्वीट किया कि मुझे डर है कि अभी डिकाक मसले का अंत नहीं हुआ है। मुझे कोई हैरानी नहीं होगी अगर हम डिकाक को अब दक्षिण अफ्रीकी जर्सी में ना देखें।

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