गोवा जा रहे पृथ्वी शॉ की राह में रोड़ा बनी पुलिस, इस वजह से उन्हें रास्ते में ही रोका

पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद पृथ्वी शॉ ने पुलिस से आग्रह किया कि उन्हें जाने दिया जाए लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। दरअसल इन दिनों कोविड-19 की वजह से कई राज्यों में लॉकडाउन है और यात्रा करने के लिए ई-पास को अनिवार्य कर दिया गया है।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 05:07 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 06:38 PM (IST)
गोवा जा रहे पृथ्वी शॉ की राह में रोड़ा बनी पुलिस, इस वजह से उन्हें रास्ते में ही रोका
भारतीय टेस्ट टीम के ओपनर बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (एपी फोटो)

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर बल्लेबाज पृथ्वी शॉ इन दिनों पूरी तरह से फ्री हैं। आइपीएल 2021 में वो दिल्ली कैपिटल्स का हिस्सा थे और इस लीग को कोविड-19 महामारी की वजह से बीच में ही स्थगित कर दिया गया था। पृथ्वी शॉ को इंग्लैंड दौरे के लिए भी भारतीय टेस्ट टीम में शामिल नहीं किया गया था, ऐसे में उन्होंने अपने दोस्तों के साथ गोवा जाने का प्लान बनाया। वो गोवा के लिए भाया कोल्हापुर रोड से ही निकल पड़े, लेकिन पुलिस ने उन्हें और उनके दोस्तों को अंबोली में ही रोक दिया। पुलिस ने उन्हें इस वजह से रोक दिया क्योंकि उनके पास यात्रा करने के लिए जरूरी ई-पास नहीं थे। 

पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद पृथ्वी शॉ ने पुलिस से आग्रह किया कि, उन्हें जाने दिया जाए, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। दरअसल इन दिनों कोविड-19 की वजह से कई राज्यों में लॉकडाउन है और यात्रा करने के लिए ई-पास को अनिवार्य कर दिया गया है। पुलिस द्वारा मना किए जाने के बाद पृथ्वी शॉ ने ई-पास के लिए अपने मोबाइल के माध्यम से आवेदन किया और एक घंटे के बाद उन्हें इसके लिए क्लियरेंस मिली और फिर वो गोवा के लिए रवाना हुए। 

आपको बता दें कि, पृथ्वी शॉ ने इस साल विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करते हुए 800 से ज्यादा रन बनाए थे और इसके बाद आइपीएल में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा था, लेकिन फिर भी उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में नहीं चुना गया। कुछ दिन पहले टाइम्स ऑफ इंडिया के एक रिपोर्ट के मुताबिक उनके बीसीसीआइ ने कहा था कि, वो पहले अपने वजन कुछ कम करें। उनके सामने रिषभ पंत का उदाहरण भी दिया गया और कहा गया कि, जब वो वापसी कर सकते हैं तो आप भी ऐसा कर सकते हैं। बोर्ड के एक सूत्र के मुताबिक उन्हें एक अच्छे सीरीज में प्रदर्शन के आधार पर टीम में जगह मिलती है, लेकिन फिर वो रन बनाने के लिए संघर्ष करने लगते हैं। ऐसे में उन्हें लगातार अच्छा खेलना होगा साथ ही ऐसे टैलेंटेड खिलाड़ी को ज्यादा दिनों तक टीम से दूर नहीं रखा जा सकता है। 

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