कश्मीर प्रीमियर लीग को लेकर BCCI अधिकारी ने PCB को धोया, कहा- ICC नहीं करेगी हस्तक्षेप

कश्मीर प्रीमियर लीग यानी KPL को लेकर PCB ने BCCI को बदनाम करने की कोशिश की लेकिन बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने PCB को धो डाला है और कहा है कि पाकिस्तान सिर्फ मनोरंजन करना है। ICC इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 09:16 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 09:16 AM (IST)
कश्मीर प्रीमियर लीग को लेकर BCCI अधिकारी ने PCB को धोया, कहा- ICC नहीं करेगी हस्तक्षेप
BCCI ने PCB की कड़ी आलोचना की है

नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने साउथ अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज हर्शल गिब्स और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को फटकार लगाते हुए कहा है कि भारतीय बोर्ड देश में क्रिकेट इकोसिस्टम के संबंध में निर्णय लेने के अपने अधिकारों के भीतर है। बीसीसीआइ की यह प्रतिक्रिया उसी दिन आई है जब प्रोटियाज टीम के पूर्व बल्लेबाज गिब्स ने उन्हें कश्मीर प्रीमियर लीग यानी केपीएल में खेलने के लिए कथित रूप से रोकने के लिए भारतीय बोर्ड की आलोचना की थी।

एएनआइ से बात करते हुए बीसीसीआइ के अधिकारी ने कहा, "एक पूर्व खिलाड़ी द्वारा दिए गए बयान की सत्यता की न तो पुष्टि की जा सकती है और न ही इनकार किया जा सकता है, जो पहले मैच फिक्सिंग की सीबीआइ जांच में शामिल हो चुका है, पीसीबी को यह समझना चाहिए कि भले ही गिब्स के बयान को सच मान लिया जाए, लेकिन बीसीसीआइ को पता है कि भारत में क्रिकेट इकोसिस्टम के संबंध में निर्णय लेने के अपने अधिकारों के भीतर उसे क्या करना है। तथ्य यह है कि भारतीय क्रिकेट पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) विश्व स्तर पर क्रिकेट के अवसरों के लिए सबसे अधिक मांग वाला है, पीसीबी को इससे ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए।"

बीसीसीआइ अधिकारी ने आगे कहा, "पीसीबी उलझन में है। जिस तरह से पाकिस्तानी मूल के खिलाड़ियों को आइपीएल में भाग लेने की अनुमति नहीं देने के फैसले को आइसीसी सदस्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के रूप में नहीं माना जा सकता है। किसी को भी क्रिकेट के साथ किसी भी तरह से भाग लेने की अनुमति देने या अस्वीकार करने का निर्णय, यदि कोई हो तो ये भारत में विशुद्ध रूप से BCCI का आंतरिक मामला है।"

अधिकारी ने यह भी कहा कि पीसीबी इस मामले को आइसीसी के साथ उठा सकता है, लेकिन अंत में, सभी को पता है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इस तरह का व्यवहार क्यों कर रहा है। अधिकारी का कहना है, "आइसीसी में इस मामले को उठाने के लिए उनका स्वागत है और कोई भी समझ सकता है कि यह कहां से आ रहा है, लेकिन सवाल यह है कि उन्हें खुद से पूछने की जरूरत है कि क्या यह उनके कामकाज में सरकारी हस्तक्षेप के कारण है, क्योंकि पाकिस्तान के पीएम आधिकारिक तौर पर उनके संरक्षक हैं। उनके अपने संविधान के अनुसार। यह विचार करने का समय है कि क्या इस मुद्दे को आइसीसी में भी उठाया जाना चाहिए।"

ये मामला उस समय तूल पकड़ा जब हर्शल गिब्स ने ट्वीट करते हुए लिखा, "पाकिस्तान के साथ अपने राजनीतिक एजेंडे को समीकरण में लाने और मुझे kpl में खेलने से रोकने की कोशिश करने के लिए BCCI का रोकना पूरी तरह से अनावश्यक है। साथ ही मुझे धमकी देते हुए कहा कि वे मुझे क्रिकेट से जुड़े किसी भी काम के लिए भारत में प्रवेश नहीं करने देंगे।"

इसके बाद पीसीबी ने भी बयान जारी कर कहा, "पीसीबी का मानना है कि बीसीसीआइ ने आइसीसी सदस्यों के आंतरिक मामलों में दखल देकर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और जेंटलमैन के खेल की भावना का उल्लंघन किया है, क्योंकि पीसीबी ने केपीएल को मंजूरी दे दी है।"

बीसीसीआइ के अधिकारी ने कहा है कि वे इस बयान से प्रभावित नहीं है। उनका कहना है, "आधिकारिक क्रिकेट के आइसीसी के वर्गीकरण को समझने के लिए पीसीबी अच्छा करेगा। इस घटना में कि एक सेवानिवृत्त खिलाड़ी एक टूर्नामेंट में एक खिलाड़ी के रूप में भाग ले रहा है, यह पूरी तरह से आधिकारिक क्रिकेट नहीं होगा और दी गई कोई भी अनुमति विवादास्पद होगी। मुझे वास्तव में यकीन नहीं है कि वे इसे कैसे पढ़ रहे हैं इसका मतलब यह है कि पीसीबी की स्थिति हमेशा मनोरंजक होती है। उन्हें अपने निर्णय लेने के बजाय क्रिकेट को मनोरंजन का मौका देना चाहिए।"

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