बाबा रामदेव की कंपनी Patanjali ने IPL की टाइटल स्पॉन्सर बनने में दिखाई दिलचस्पी- रिपोर्ट्स

Patanjali IPL2020 बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी IPL 2020 के लिए टूर्नामेंट की टाइटल स्पॉन्सर बन सकती है। वीवो और बीसीसीआइ ने इस साल के लिए डील टाल दी है।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 09:21 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 03:04 PM (IST)
बाबा रामदेव की कंपनी Patanjali ने IPL की टाइटल स्पॉन्सर बनने में दिखाई दिलचस्पी- रिपोर्ट्स
बाबा रामदेव की कंपनी Patanjali ने IPL की टाइटल स्पॉन्सर बनने में दिखाई दिलचस्पी- रिपोर्ट्स

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में चीनी मोबाइल कंपनी वीवो के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 2020 के सीजन के लिए टाइटल स्पॉन्सर की डील को खत्म किया है। हालांकि, वीवो अगले साल बतौर आइपीएल टाइटल स्पॉन्सर वापसी कर सकती है, लेकिन मौजूदा समय में ऐसा नहीं होगा। ऐसे में बीसीसीआइ को आइपीएल के टाइटल स्पॉन्सर के तौर पर एक नई कंपनी के साथ डील करनी होगी, जिसके लिए नीलामी होनी है। इस बीच सामने आया है कि योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि (Patanjali) ने भी आइपीएल के मुख्य प्रायोजक बनने में दिलचस्पी दिखाई है।

वीवो को इस साल आइपीएल के टाइटल स्पॉन्सर के रूप में हटने से पतंजलि कम से कम इस सीजन के लिए दुनिया की सबसे महंगी टी20 लीग की मुख्य प्रायोजक हो सकती है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, पतंजलि भी आइपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए बोली लगा सकती है। पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने कहा है, "हम इस वर्ष के लिए आइपीएल के शीर्षक प्रायोजन पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि हम पतंजलि ब्रांड को वैश्विक मंच देना चाहते हैं।" पतंजलि BCCI को एक प्रस्ताव देने पर विचार कर रही है।

इससे पहले सामने आ रहा था कि ई-कॉमर्स या फिर ई-लर्निंग कंपनी आइपीएल के टाइटल स्पॉन्सर के लिए आगे आ रही हैं। वहीं, Jio और टाटा ग्रुप ने भी इसके लिए दिलचस्पी दिखाई है, क्योंकि लंबे समय के बाद कोई बड़ा इवेंट हो रहा है। पिछले 6 महीने से एक भी इवेंट नहीं हुआ है, जिसके जरिए कंपनियां अपना प्रचार कर पाएं। ऐसे में बड़ी कंपनियों के पास मौका है कि वे आइपीएल जैसी विश्व स्तरीय लीग के साथ साझेदारी करें और अपने ब्रांड को ग्लोबल मार्केट में पहुंचाएं।

इससे पहले बीसीसीआइ के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के 13 वें संस्करण के लिए टाइटल प्रायोजक के रूप में वीवो के बाहर निकलने को वित्तीय संकट के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि इस तरह के फैसलों के लिए तैयार रहना चाहिए और अपने दूसरे विकल्पों को खुला रखना चाहिए। हालांकि, एक बात तो तय है कि बीसीसीआइ जो रकम वीवो से एक सीजन के लिए वसूलती थी, शायद उतनी रकम इस नए स्पॉन्सर से नहीं वसूल पाएगी।

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