MS Dhoni के साथ अपनी प्रतिद्वंदिता पर बोले पार्थिव पटेल, कहा- उनके रहते कैसे मौका मिलता

पार्थिव पटेल ने कहा कि धौनी कप्तान थे और उनके रहते किसी अन्य का टीम में शामिल किया जाना संभव नहीं था।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 05:44 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 05:44 PM (IST)
MS Dhoni के साथ अपनी प्रतिद्वंदिता पर बोले पार्थिव पटेल, कहा- उनके रहते कैसे मौका मिलता
MS Dhoni के साथ अपनी प्रतिद्वंदिता पर बोले पार्थिव पटेल, कहा- उनके रहते कैसे मौका मिलता

नई दिल्ली, जेएनएन। MS Dhoni के टेस्ट टीम में आने से पहले पार्थिव पटेल उन विकेटकीपरों में से एक थे जिन्होंने टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की करने की कोशिश की थी। हर दूसरे विकेटकीपर की तरह पार्थिव भी ज्यादातर मौको को नहीं भुना पाए और टीम से ड्रॉप कर दिए गए। साल 2005 में टेस्ट डेब्यू करने वाले धौनी अगले 9 साल तक टीम इंडिया के लिए इस प्रारूप में खेलते रहे जिसमें से 6 साल तक उन्होंने टीम की कप्तानी भी की। इसका ये मतलब था कि किसी अन्य विकेटकीपर-बल्लेबाज के लिए प्लेइंग इलेवन में जगह बनाने का कोई मौका नहीं था। 

धौनी की अनुपस्थिति में ही पार्थिव पटेल या फिर दिनेश कार्तिक को टीम में मौका मिला। वहीं जब रिद्धिमान साहा की धौनी के बाद जब टेस्ट टीम में एंट्री हो गई तो इनका पत्ता पूरी तरह से साफ हो गया नहीं तो ये दोनों विदेशी दौरों के लिए दूसरे विकेटकीपर थे। 35 साल के पार्थिव पटेल को रिषभ पंत से भी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ी जिन्होंने साल 2018 में टेस्ट डेब्यू किया था।  

भारत के लिए 25 टेस्ट मैच खेलने वाले पार्थिव पटेल ने धौनी के साथ अपनी प्रतिस्पर्धा को याद करते हुए कहा कि उन्होंने उस परिस्थिति को स्वीकार कर लिया था और ड्रॉप किए जाने के बाद अपना मानक सेट कर लिया था। पार्थिव ने कहा कि आपको सच्चाई के साथ मौजूदा परिस्थिति को भी स्वीकार करना पड़ता है। उस समय स्थिति ये थी कि धौनी टीम के कप्तान थे और अन्य सभी विकेटकीपर्स दूसरे स्लॉट के लिए जूझ रहे थे। मैंने भी इसे स्वीकार कर लिया था। टीम से ड्रॉप किए जाने के बाद मैंने अपना एक मानक सेट किया और और फैसला किया कि इसी तीव्रता के साथ क्रिकेट खेलूंगा। 

धौनी के रिटायर होने के बाद भी पार्थिव टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की नहीें कर पाए। साल 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट को याद करते हुए उन्होंने कहा कि आखिरी तीन टेस्ट मैच की चार पारियों में 195 रन बनाए थे। वहीं इसके बाद रणजी ट्रॉफी फाइनल में साल 2016-17 में 143 रन की पारी खेली थी, लेकिन सेलेक्शन कमेटी ने साहा को टीम में बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए चुना।

उन्हें साउथ अफ्रीका दौरे पर टेस्ट में मौका मिला, लेकिन वहां कि कठिन स्थिति में वो कुछ खास नहीं कर सके तो वहीं 2018-19 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वो टेस्ट टीम का हिस्सा थे, लेकिन रिषभ ने चारों टेस्ट में विकेटकीपिंग की और उन्हें मौका नहीं मिला। 35 वर्ष के पार्थिव का अब टीम इंडिया में आना मुश्किल ही लग रहा है क्योंकि एक और विकेटकीपर केेएस भरत का नाम भी सामने आ चुका है जो भारतीय टीम में दो बार बैकअप विकेटकीपर के तौर पर चुने जा चुके हैं। 

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