IPL 2020: बायो-सिक्योर माहौल में आइपीएल में मैच फिक्सिंग की उम्मीद बेहद कम
IPL 2020 क्रिकेट एक्सपर्ट ने इस बार भी मैच फिक्सिंग की आशंका जताई है।
नई दिल्ली, एएनआइ। हर बार की तरह इस बार भी खेल के दिग्गजों ने आइपीएल में मैच फिक्सिंग को लेकर चिंता जताई है। हालांकि, बीसीसीआइ की भ्रष्टाचार रोधी यूनिट (एसीयू) के प्रमुख अजीत सिंह ने चिंता नहीं करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इस बार बायो-सिक्योर (खिलाड़ियों को खेलने के लिए बनाए गए नियम के तहत सुरक्षित) माहौल के कारण टूर्नामेंट भ्रष्टाचारियों से काफी सुरक्षित रहेगा। अलग से खास इंतजाम की कोई जरूरत नहीं होगी।
कोरोना वायरस के कारण इस बार आइपीएल 19 सितंबर से 10 नवंबर तक यूएई में होगा। बायो-सिक्योर माहौल के कारण टूर्नामेंट के दौरान खिलाडि़यों समेत स्टाफ को प्रशंसकों और दूसरे किसी भी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात करने की अनुमति नहीं होगी।
मैच फिक्सरों का कोई खतरा नहीं : अजीत से पूछा गया कि बायो-सिक्योर माहौल में आइपीएल होने से टूर्नामेंट पर मैच फिक्सरों का कोई खतरा नहीं होना चाहिए। इस पर उन्होंने कहा, बिल्कुल, ऐसा हो सकता है। इस साल हमें विशेष सुरक्षा इंतजामों की भी जरूरत नहीं होगी।
खिलाड़ियों और बाहरी लोगों के बीच संपर्क नहीं रहेगा : हाल ही में अजीत ने एक क्रिकेट वेबसाइट से कहा था, कोई भी यह नहीं कह सकता कि टूर्नामेंट पूरी तरह सुरक्षित हो सकता है। हालांकि, एसीयू के नजरिये से देखें तो इस बार आइपीएल पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित माहौल में होगा, क्योंकि बायो-सिक्योर माहौल के कारण टीम, सहायक स्टाफ और बाहरी लोगों के बीच संपर्क नहीं हो पाएगा।
बायो-सिक्योर तोड़ने पर सजा : इस बार आइपीएल 53 दिन का होगा। आठ टीमों के बीच 60 मैच खेले जाएंगे। यह सभी मुकाबले यूएई के तीन स्टेडियम दुबई, अबू धाबी और शारजाह में होंगे। बीसीसीआइ ने सभी फ्रेंचाइजियों को 20 अगस्त के बाद यूएई जाने की मंजूरी दी है। खिलाडि़यों और स्टाफ को बायो-सिक्योर माहौल तोड़ने पर सख्त सजा भी मिलेगी।
फिक्सिंग पर नजर रखना आसान : इससे पहले भी अजीत कह चुके हैं कि आइपीएल में भ्रष्टाचार को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। सभी मैच तीन जगहों पर होने से मैच फिक्सिंग जैसी चीजों पर नजर रखना ज्यादा आसान होगा। आइपीएल भारत में आठ मैदानों पर होता है। अजीत ने कहा, बीसीसीआइ के आठ एसीयू अधिकारी पेरोल पर हैं। वे पैनी नजर रखेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हम निगरानी के लिए और ज्यादा अधिकारी नियुक्त करेंगे। हम आइसीसी से भी मदद ले सकते हैं।