Ind vs Aus: आस्ट्रेलिया के खिलाफ क्लीन स्वीप से बचने मैदान पर उतरेगी भारतीय महिला क्रिकेट टीम
दूसरे वनडे में झूलन गोस्वामी की मैच की अंतिम गेंद को नो बाल दिया गया और भारत को हार का सामना करना पड़ा। मैच काफी करीबी रहा लेकिन मिताली राज की टीम का 274 रन के बड़े स्कोर का बचाव नहीं कर पाना निराशाजनक रहा।
मैके, (आस्ट्रेलिया), प्रेट्र। दबाव का सामना कर रही भारत की गेंदबाजों को रविवार को तीसरे और अंतिम महिला वनडे में टीम को क्लीन स्वीप से बचाना है तो आस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करना होगा जो लगातार 27वां मुकाबला जीतने के इरादे से उतरेंगी। दूसरे वनडे में झूलन गोस्वामी की मैच की अंतिम गेंद को नो बाल दिया गया और भारत को हार का सामना करना पड़ा। मैच काफी करीबी रहा लेकिन मिताली राज की टीम का 274 रन के बड़े स्कोर का बचाव नहीं कर पाना निराशाजनक रहा।
राशेल हेन्स की गैरमौजूदगी में ताहलिया मैकग्रा और निकोला कैरी के साथ पारी का आगाज करने वाली बेथ मूनी ने शानदार प्रदर्शन किया। इस साल झूलन के अलावा भारत की अन्य सभी गेंदबाजों ने निराश किया है। झूलन के लिए नई गेंद का कोई विश्वसनीय साझेदार नहीं मिल पाया है। शिखा पांडे ने प्रभावित किया लेकिन वह कभी झूलन की नियमित साझेदार नहीं बन पाईं। मानसी जोशी, पूजा वस्त्रकार, मोनिका पटेल भी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरीं।
निरंजना नागराजन की अनदेखी की गई जबकि मेघना सिंह को अभी और समय की जरूरत है। स्पिन विभाग भारत का मजबूत पक्ष है लेकिन मजबूत टीमों ने पूनम यादव की लेग स्पिन का तोड़ निकाल लिया है। दीप्ति शर्मा के प्रदर्शन में निरंतरता है लेकिन वह विकेट चटकाने से अधिक रन रोकने वाली गेंदबाज हैं। पूनम और दीप्ति के प्रदर्शन में आत्ममुग्धता झलकती है क्योंकि उन्हें पता है कि फिलहाल उनकी जगह लेने के लिए अच्छी गेंदबाज मौजूद नहीं हैं। खराब स्ट्राइक रेट के लिए आलोचना का सामना कर रही मिताली क्या टीम के मनोबल में इजाफा कर पाएंगी यह भी बड़ा सवाल है। इंग्लैंड के खिलाफ महज औपचारिकता के मुकाबले के जीत के अलावा मिताली की अधिकतर पारियों से उनके 20,000 अंतरराष्ट्रीय रनों में ही इजाफा हुआ है और टीम का अधिक फायदा नहीं हुआ।
भारत अगर 0-3 से हार जाता है तो यह 50 ओवर के पिछले 11 मुकाबलों में टीम की नौवीं हार होगी जो अगले साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड में होने वाले महिला वनडे विश्व कप की अच्छी तैयारी नहीं है। तेजी से रन बनाने की बात करें तो मिताली और दीप्ति बल्लेबाजी में दो कमजोर कडि़यां हैं। इन दोनों ने पिछले एक साल में काफी गेंदें बर्बाद की जिससे अन्य बल्लेबाजों पर दबाव बना और कई मौकों पर टीम प्रतिस्पर्धी स्कोर खड़ा करने में विफल रही। हरमनप्रीत कौर अगर उपलब्ध होती हैं तो बल्लेबाजी क्रम को मजबूती मिल सकती है लेकिन भारतीय उप कप्तान भी खराब फार्म से जूझ रही हैं।