IND vs AUS: दौरे पर होगा कोहली का 'विराट टेस्ट'

विराट इन दोनों दौरों पर निजी तौर पर खुद को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी साबित करने में तो कामयाब रहे लेकिन कप्तान के तौर पर उनकी उड़ान छोटी रह गई।

By Lakshya SharmaEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 09:18 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 11:10 AM (IST)
IND vs AUS: दौरे पर होगा कोहली का 'विराट टेस्ट'
IND vs AUS: दौरे पर होगा कोहली का 'विराट टेस्ट'

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। दिसंबर 2014 में जिस ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर विराट कोहली ने पहली बार टेस्ट कप्तानी की थी, चार साल बाद यह भारतीय खिलाड़ी उसी देश में पूर्णकालिक कप्तान के तौर जा रहा है। पिछली बार विराट ने ऑस्ट्रेलिया में कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के टीम के साथ नहीं जाने के कारण पहले और बीच सीरीज में टेस्ट संन्यास लेने के कारण चौथे टेस्ट में कप्तानी की थी।

इसके बाद उन्हें भारत का पूर्णकालिक टेस्ट कप्तान बना दिया गया था। इसके बाद जब धौनी ने सीमित ओवरों के क्रिकेट की कप्तानी छोड़ी तो विराट को वनडे व टी-20 का भी कप्तान बना दिया गया।

इन चार सालों में विराट ने भारत को दर्जनों सीरीज में जीत दिलाई लेकिन दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड जैसे कठिन दौरे पर वह भारत को टेस्ट सीरीज में जीत दिलाने में नाकाम रहे। भारत ने ऑस्ट्रेलिया में अब तक 11 टेस्ट सीरीज और तीन टी-20 सीरीज खेली हैं।

भारत अभी तक ऑस्ट्रेलिया में एक भी टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया है जबकि आठ में उसे हार मिली हैं और तीन ड्रॉ रही हैं। ऐसे में विराट के पास ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रचने का मौका है। 

भारत अपने दौरे की शुरुआत टी-20 सीरीज से करेगा। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में तीन टी-20 सीरीज खेली हैं जिसमें उसे एक में जीत और एक में हार मिली है जबकि एक सीरीज ड्रॉ रही। कुल मिलाकर ऑस्ट्रेलिया में भारत का टी-20 रिकॉर्ड शानदार रहा है। उसने वहां छह मैच खेले हैं और चार जीते हैं। ऐसे में विराट के पास महेंद्र सिंह धौनी के पिछले रिकॉर्ड को बरकरार रखने का दबाव भी होगा।

कप्तान के तौर पर विराट 

चार साल पहले विराट ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में चार शतक लगाकर दिखा दिया था कि वह कितने शानदार बल्लेबाज हैं। उस सीरीज के बाद से उनके सितारे और ज्यादा चमक गए। इस चार साल के सफर में वह टीम इंडिया के कप्तान ही नहीं बने बल्कि उनके नेतृत्व में भारत ने ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश जैसी टीम को घर में टेस्ट सीरीज में मात दी। 

टीम ने श्रीलंका और वेस्टइंडीज में जाकर भी टेस्ट सीरीज जीतीं लेकिन दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड में वह चूक गए। इस साल की शुरुआत में भारत को दक्षिण अफ्रीका में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-2 से जबकि इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-4 से पराजय का समाना करना पड़ा।

विराट इन दोनों दौरों पर निजी तौर पर खुद को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी साबित करने में तो कामयाब रहे लेकिन कप्तान के तौर पर उनकी उड़ान छोटी रह गई। वह ऑस्ट्रेलिया में मिले मौके को भुनाने के प्रयास में हैं और इतिहास में ऐसे भारतीय कप्तान के तौर पर दर्ज होना चाहते हैं जिसने वहां पर टेस्ट सीरीज जीती हो।

विराट कोहली है अद्भुत खिलाड़ी 

विराट एक खिलाड़ी के तौर पर अद्भुत हैं। उन्होंने 33 शतक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सभी प्रारूपों को मिलाकर कप्तान के तौर पर जड़े हैं। इस मामले में सबसे आगे ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग हैं, जिनके नाम कप्तान के तौर पर 41 शतक हैं। उनकी तुलना अब सचिन तेंदुलकर और डॉन ब्रेडमैन से की जा रही है।

वेस्टइंडीज के खिलाफ खत्म हुई वनडे सीरीज के तीसरे मुकाबले में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय करियर का 62वां शतक ठोका था। उन्होंने सचिन के सबसे तेज 10000 रन पूरे करने सहित तीन रिकॉर्डो को चकनाचूर किया है। 

अपने 10 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कोहली ने 73 टेस्ट में 6,331 और 216 वनडे मैचों में 10232 रन बनाए हैं। वह 62 टी-20 मुकाबलों में 2,102 रन बना चुके हैं। वह 30 साल की उम्र में ही वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक शतक लगाने के मामले में सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं।

कोहली ने फरवरी 2015 में पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप के मैच में अपना 22वां वनडे शतक लगाया था। उसके बाद से अब तक पिछले तीन साल में ही वह वनडे में 15 शतक जड़ चुके हैं। इस समय कोहली सचिन के 49 वनडे शतक के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ने से 12 शतक दूर हैं। कोहली अगले पांच साल में इस रिकॉर्ड को पीछे छोड़ सकते हैं।

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